Shrikant Gawatre   (✍️ Shri)
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Kuch unkahi baatein,
kuch dil ❤ se nikle hue alfaaz...
Shayaris/Quotes
Joined 10 August 2020


Kuch unkahi baatein,
kuch dil ❤ se nikle hue alfaaz...
Shayaris/Quotes
Joined 10 August 2020
20 MAR 2021 AT 20:32

फकीरों की तरह गिड़गिड़ाकर
मांग रहा था तुम्हें एक लड़का।
वो राजकुमार था अपने घर का।

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3 FEB 2021 AT 20:59

अब मत खोलना मेरे घर के उदास दरवाज़े ,
शोर हवा का मेरी उलझने बढ़ा देता हैं...!

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22 DEC 2020 AT 18:34

अब तुम ही आकर थाम लो मुझे ,
छोड़ दिया है सब ने ,
तुम्हारा समझकर ।

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6 DEC 2020 AT 1:20

अधूरा ही रहा मेरा सफर,
कभी रास्ते खो गए,
तो कभी हंसफर ...!

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22 OCT 2020 AT 19:03

अच्छा हुआ के तुम मेरे ना हुए,
अगर मेरे हो जाते तो किस्सा यही ख़तम हो जाता,
तुम्हें खोया है,
तो अब यकीन है
कहानी लंबी चलेगी...!

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15 OCT 2020 AT 16:54

तेरे बिन चलता जरूर हुं,
पर कहीं पहुँचता नहीं हुं...!

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12 OCT 2020 AT 10:46

अब नहीं बसती किसी की भी सूरत इन आँखों में,
काश हमने तुम्हें इतने करीब से ना देखा होता ।

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11 OCT 2020 AT 11:19

Thank you so much❤😊

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9 OCT 2020 AT 16:55

Thank you so much❤😊

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8 OCT 2020 AT 10:16

जिन्हें सच में साथ चलना हैं,
वो रास्ते ढूंढते हैं,
बहाने नहीं।

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