Shrikant Bhardwaj  
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Joined 20 February 2018


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21 DEC 2022 AT 0:56

Shri_Thoughts #83

दीदार भी नहीं है तो सूकून है तेरी यादों से ऐे हमसफर....
तू पास भी नहीं हो....
तो भी मेरे दिल को खबर है तेरी हर बात का।

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4 SEP 2021 AT 1:29

Shri_Thoughts #82

"ठिकाने बदलने पड़ते है,
...है कुछ सपने सजाने।"
पहचान बनाकर निकले है,
अब नयी पहचान बनाने।
रुकावटें बनकर आते हैं,
कितने नजाने।
मुश्किल दौर ही सिखाता है,
जिंदगी के तराने।
"ठिकाने बदलने पड़ते है,
...है कुछ सपने सजाने।"


-Shrikant Bhardwaj



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29 APR 2021 AT 3:06

Shri_Thoughts #81

तेरी शिकायतें कभी दूर ना कर पाउंगा...
रोज की भाग दौड़ में ना तुझे पकड़ पाउंगा...
हूँ तो नहीं इतना ज़ुदा भी तुझसे...
कि तुझे यू इन यादों में तडपाउंगा...
मत रख इतनी शिकायतें मुझसे...
की तू गिला करे रुखसत होकर मुझसे...
मैं पहलें भी वही था ...और आज भी वही हूँ,
जितना भी जाना था तूने मुझे खुद से...
...जितना भी जाना था तूने मुझे खुद से !!!


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6 NOV 2020 AT 1:55

#Shri_Thoughts 80

वो बावरी सी रंग गई मेरे रंग में....

परछाई सी चली वो मेरे संग में...

अब फिक्र भी क्या थी कि कुछ होगा मुझे...

मेरी तो सासें तक बस गई उसी के अंग में!!

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1 AUG 2020 AT 10:28

Shri_Thoughts #79


ज़िन्दगी जब नींद से जगाती है,
हर मजे को भी सजा बनाती है।
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जरूरतों पर बने फिरते अपनो को,
पल पल पर बेवफ़ा बनाती है।।

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20 JUL 2020 AT 2:28

Shri_Thoughts #78

ये नौकरिया.....
घर से दूर करती है।
हर हालात में.....
मजबूर करती है।।

मन हमारा भी है.....
शामिल हर बात में हो।
मुश्किलों के दौर में.....
घर-परिवार साथ में हो।।

मायूस जज़्बात.....
बन्द कमरो में निकलते है।
अनचाहे बन्धन.....
इन आँखों से छलकते है।।

ये नौकरिया.....
घर से दूर करती है।
हर हालात में.....
मजबूर करती है।।

-Shrikant Bhardwaj






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23 MAY 2020 AT 0:26

Shri_Thoughts #77

बेरंग है इश्क़
जिक्र न कर।
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और.....
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हम ठीक है यहाँ,
तू फिक्र न कर।।

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11 MAY 2020 AT 17:26

Shri_Thoughts

सभी पत्नियों ने अपनी माँ की फ़ोटो लगायी...
इसलिए उन्हें मजबूरी में अपनी सासू-माँ की फ़ोटो भी लगानी पड़ी।😁😝😜😛😂
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सभी पति भी चाह रहे थे कि अपनी माँ की फ़ोटो लगाये...
लेकिन लगा नही पाए क्योंकि उन्हें अपनी सासू-माँ की फ़ोटो कभी नहीं लगानी थी।😁😝😜😛😂

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9 MAY 2020 AT 2:58

Shri_Thoughts #76

की.... वो खिड़की से चाँद देखा,
तो याद माँ आ गयी।

बादल छा गए आँखों में,
लो बरसात आ गयी।

भीगा कर चेहरा ये आंखें,
एक तस्वीर बना गयी।

था...दीदार चाँद से भी सुंदर,
कुछ यादें सजा गयी।

की.... वो खिड़की से चाँद देखा,
तो याद माँ आ गयी।

-Shrikant Bhardwaj




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1 MAY 2020 AT 23:33

Shri_Thoughts #75

खो दिया सिनेमा ने हीरा-ए-कोहिनूर,
अनुभवी अभिनेता ऋषि कपूर।।

दीवानगी भी क्या बयाँ करूँ,
अभिनय की क्या तारीफ करूँ।।
"मेरा नाम जोकर" से शुरू किया,
गुरु का दर्जा पिता को दिया।।
हुनर से रंग दिया हिंदी सिनेमा,
हुआ अभिनय का कर्जदार सिनेमा।।

खो दिया सिनेमा ने हीरा-ए-कोहिनूर,
अनुभवी अभिनेता ऋषि कपूर।।

भावपूर्ण श्रद्धांजलि😢
अनुभवी अभिनेता - ऋषि कपूर
कोटि-कोटि नमन 🙏 ।।ओम शांति।।

-Shrikant Bhardwaj








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