उसके बिना मेरी जिंदगी बड़ी बेस्वाद है!
कैसे भुल जाऊ उसे हर ज़र्रे में उसकी याद है!
उससे बिछड़ के निंदे बड़ी नाराज़ है!
कैसे भुल जाऊ उसे हर ज़र्रे में उसकी याद है!
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इस कदर रंग चढ़ा उनके इश्क का ,
हम सुर्ख लाल हो गए|
ऐसी तमन्ना जागी उनसे मिलने की,
के उनके गालों का गुलाल हो गए||-
चूनरी फटी है मगर दिल बेदाग है!
आंखो में आंसू है पर दिल में आग है!
क्यूं नयी चुनरी के लिये दामन दागदार कर लू!
क्यू मेरे आबरू की रेखा पार कर लू!
जिंदगी से ज्यादा किमती मेरी लाज है!
चूनरी फटी है मगर दिल बेदाग है!
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तू माझी आवश्यकता, मी उपलब्ध तुझियाकरिता!
ये सामावून घे स्वतःला माझ्यामध्ये!
मी अबोल सागर, तू खळखळणारी सरिता!-
मी शब्द तू भाषा!
मी स्वप्न तू अभिलाषा!
तू इंग्लिश मी मराठी!
दोघेही पूरक आहोत एकमेका साठी!
तू रंग मी चित्र!
तू मैत्रीण मी मित्र!
तू वारा मी पाऊस!
जवळ ये अशी दूर नको राहुस!
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प्रेम आणि मैत्री
कसं असावं आपलं नात प्रेमाचं की मैत्रीचं!
प्रेम ज्यामध्ये असते खूप दिखावा, आणि खोट!
की मैत्री ज्यामध्ये असतो फक्त खरेपणा!
प्रेम ज्यामध्ये असतात खूप अपेक्षा!
की मैत्री जी असते पूर्णपणे निरपेक्ष!
प्रेम एक बंधन जे बनलेल असतं फक्त तुटण्याकरिता!
की मैत्री जी श्र्वासाच्या दोरी पेक्षा ही मजबूत असते!
ब्रेकअप नंतर संपणार तथाकथित प्रेम!
की मरणोपरांत ही ना संपणारी मैत्री!
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मौत तो सबके नसिब में होती है ए श्रीधर!
कोई मरता है खुद के लिये कोई देश के लिये!
भले तुम्हारे जाने का अखबारों मे जिक्र हो या ना हो!
बस तूम्हारी अपनो को मेरी मौत पर फक्र हो!-
मन में आज एक खयाल आया की कौन है असली हीरो!
एक कलाकार जीसे हम हिरो कहते थे, जो सफलता की उंचाई पर पहुंच कर भी, जगमगाते भविष्य को छोडकार, भूत काल के घने अंधेरों के हवाले हो गया!
या फिर यह माँ जीसके भविष्य में सिवाय अनिश्चितताओं के कुछ भी नहीं हैं, हर कदम पर केवल अंधकार हैं, मौत ने तो उसे भी बहुत मनाया बहुत की आ जाओ मेरी बाहो मे हर समस्या तुम्हारी खत्म कर दुंगी, फिर भी वह निकल पडी है, एक हसीन ओर खुबसुरत जिंदगी जिने के लिये.
क्योंकी वह फिल्मी नहीं असल जिंदगी की हीरो है!
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मेरा देश आज थोडा गरीब हो गया है!
फिर से मेरा एक भाई शहीद हो गया है!
के अपनों से दूर हो कर आज वो,
पुरे देश के दिल के करीब हो गया है-