फिर मिल जाएगी कोई राह एक दिन किसी मोड़ पर हिम्मत को थोड़ी सांस तो लेने दे यूं न थक अपनी उलझनों से जीने का दस्तूर यही है जो थकने लगे तोह एक हंसी और हंस ले एक हंसी के रंग कई हैं
मर्ज़ी नहीं पूछती मर्ज़ दिखाती हैं ज़िन्दगी दुआओं की सौगात लिए दर्द से मिलाती हैं ज़िन्दगी मुलाकात होती है कभी जब ख्वाबों से हमारी उन्हें सच करने की शर्तें किश्तों में सुनाती हैं ज़िन्दगी