जी हां,कठिन होता है कठिन होना।
लेकिन उससे कहीं ज्यादा कठिन है सरल होना।
कठिन होता है बातें करना,पर उससे कहीं ज्यादा कठिन है बातें सुनना।
कठिन होता है मुस्कुराना, पर उससे कठिन होता है मुस्कुराहट की वजह बनना।
कठिन होता है अकेला होना,
पर उससे कहीं ज्यादा कठिन होता है भीड़ में अकेला होना।
कठिन होता है रातों को जागना, पर उससे कठिन होता है जागती आंखों से सोना।
कठिन होता है किसी को पा जाना पर,
उससे कठिन होता है किसी का हो जाना।
ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कठिन है कविता करना,
पर उससे कहीं ज्यादा कठिन है कविता को जीना।
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