SHREYASHI TRIPATHI   (श्रेयस्कर)
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मुस्कुराहट को सहेजना सीख़ रही हूं।
Joined 25 June 2018


मुस्कुराहट को सहेजना सीख़ रही हूं।
Joined 25 June 2018
12 JAN 2022 AT 23:58

बड़ी बरकत है तेरे इश्क़ में
जबसे हुआ है, बढ़ता ही जा रहा है ❤❤❤

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11 JAN 2022 AT 23:46

यकीन करो मेरा🥺
मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ,
तेरी हर इक मुस्कान पर अपनी जाँ निसार करती हूँ,
यकीन करो मेरा🥺
मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ♥️❤️

माना लड़ती हूँ तुमसे बेहद,
गलतियाँ भी हज़ार करती हूँ ।
पर यकीन करो जान _ए _जाना
तुमसे बेहद प्यार करती हूँ♥️♥️😘

हक़ है तुम्हारा मुझ पर,मेरे वक़्त पर
अपना सब कुछ तुम पर निसार करती हूँ ।
यकीन करो मेरा🥺
मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ😘😘😘♥️♥️♥️

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10 JAN 2022 AT 0:18

चेहरे पर चँचल लट उलझी,आँखों मे सपन सुहाने हैं
ये वही पुरानी राहें हैं,ये दिन भी वही पुराने हैं।
कुछ तुम भूली कुछ मै भूला, मंज़िल फिर से आसान हुई
हम मिले अचानक जैसे,फिर पहली पहली पहचान हुई
आँखों ने पुनः पढ़ी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं,
चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं।


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2 JUN 2020 AT 3:31

काश, मेरा सपना सच होता
ले लेते मेरी कठिन अग्नि परीक्षा
और शामिल कर लेते मुझे अपनी ज़िन्दगी में😭
कमसे कम हम फिर अपने कल्पना की छत तले साथ तो होते☹️😔😭

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2 JUN 2020 AT 3:27

जी हां,कठिन होता है कठिन होना।
लेकिन उससे कहीं ज्यादा कठिन है सरल होना।
कठिन होता है बातें करना,पर उससे कहीं ज्यादा कठिन है बातें सुनना।
कठिन होता है मुस्कुराना, पर उससे कठिन होता है मुस्कुराहट की वजह बनना।
कठिन होता है अकेला होना,
पर उससे कहीं ज्यादा कठिन होता है भीड़ में अकेला होना।
कठिन होता है रातों को जागना, पर उससे कठिन होता है जागती आंखों से सोना।
कठिन होता है किसी को पा जाना पर,
उससे कठिन होता है किसी का हो जाना।

ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कठिन है कविता करना,
पर उससे कहीं ज्यादा कठिन है कविता को जीना।

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12 APR 2020 AT 12:33

प्रेम परीक्षा नहीं प्रेम प्रतीक्षा है
प्रेम बिना शर्तों वाली शुभ दीक्षा है
प्रेम वासना नहीं प्रेम उपासना है
प्रेम ईष्ट की मंगलमय आराधना है
प्रेम किसी को खोकर फिर से पाना हैं
प्रेम नहीं'निर्देश'प्रेम 'समझाना' है
जो दिखलाये सत्य प्रेम वो दर्पण है
प्रेम नहीं समझौता प्रेम समर्पण है
प्रेम ही है आधार कठिनतम जीवन का
प्रेम तत्व है मुख्य सदा अपनेपन का
हरदम नहीं है जीत प्रेम है हार कभी
बिना प्रेम के रिश्ते हैं व्यापार सभी
प्रेम कभी मैया बहना भौजाई है
प्रेम सरल है प्रेम नहीं चतुराई है

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12 APR 2020 AT 12:12

प्रेम जेठ की तपन प्रेम ही सावन है
प्रेम अयोध्या और प्रेम वृन्दावन है
प्रेम दिखावा नहीं प्रेम तो दर्शन है
एक हृदय का दूजे से आकर्षन है
प्रेम धार गंगा की प्रेम हिमालय है
प्रेम नेह का वृहद विश्वविद्यालय है

प्रेम नहीं है उलझन नहीं समस्या है
प्रेम बिना स्वारथ की मौन तपस्या है
प्रेम पूर्ण है प्रेम कभी ना आधा है
प्रेम कन्हैया और प्रेम ही राधा है

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11 APR 2020 AT 23:23

यूं ही तो नहीं कोई रिश्ता बनता,
यूं ही तो नहीं कोई रास्ता किसी से मिलता!
छोड़ जिस मोड़ पर हम चले आए,
देख ज़रा ..
आज भी ज़िन्दगी वहीं पड़ी होगी।
एक ढेर होगा यादों का और कई सिसकियां होंगी।
चल सफ़र फिर ये साथ करते हैं,
आज एक मुलाकात फिर करते हैं।

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11 APR 2020 AT 23:17

फ़लक का आफ़ताब ढलने लगा है,
सफ़र तेरे बिन खलने लगा है।
देख ज़रा..
इस राख में दबा कुछ सुलगता होगा!
हवा के एक झोंके के इंतजार में होगा।
चल एक नई कोशिश फिर करते हैं।
चल एक मुलाकात फिर करते हैं।

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11 APR 2020 AT 23:13

मिले इस तरह जैसे कभी गिले न थे,
मिले इस तरह जैसे कभी मिले न थे।
भुला दें जो भी दर्द में गुज़रा,
देख ज़रा,
कहीं ये रिश्ता वहीं होगा ठहरा!
चल कुछ नया फ़िर बुनते हैं,
आज एक मुलाकात फिर करते हैं।

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