विस्मृत करने योग्य नहीं है।
देखे जो सुंदर दृश्य नयन से ।।
धरा-गगन के,निश्छल बचपन के ,
या फिर हो वो चंचल यौवन के ।।
आदर्श,यथार्थ के अंतराल में,
हो जीवन व्यतीत रहा है।।
जीवन में जो क्षण बीत रहा है।
कठिन है उसे पराजित करना ।
जो प्रतिभा के साथ पला है ।।
जैसे हर वो मानव बृहन्नला है ।
जिसके पास विशिष्ट कला है ।।
है समय का संयोग अनोखा ,
कि, कोई क्षण में हार रहा है
कोई क्षण-क्षण जीत रहा है ।।
जीवन में जो क्षण बीत रहा है।
स्मृतियों का बन गीत रहा है।।
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