तुम क्यों हो खफा बतलाओ ना
हमारे रिश्ते को समझ से सुलझाओ ना
यूँ मुँह फुला के मुझे तड़पाओ ना
जो कुछ भी है दिल में कह जाओ ना
तुम्हारी हर बात को मै मान जाऊंगा ना
तुम्हे भी मै प्यार से समझाऊंगा ना
यूँ तुम्हारा अब चुप रहना अच्छा नहीं लगता
कुछ तो कहो, अपनी नाराजगी ही जताओ ना
तुम क्यों हो खफा बतलाओ ना
हमारे रिश्ते को प्यार से सुलझाओ ना....-
Wish me on 14th... read more
किसको सुनाये कौन सुनेगा
मेरे दिल की व्यथा को
हाल कुछ यूँ बेहाल हुआ है
मन में अजब सा बवाल हुआ है
वो पास होके भी दूर सा लगता है
मेरे साथ होके भी मजबूर सा लगता है
क्या वो मुझे आज भी चाहता है
या फिर उसे अब कोई और भाता है
किसको सुनाये कौन सुनेगा
मुझे और मेरे दिल को कौन समझेगा..........-
Maine to tujhe kabhi chhora hi nhi
Tune hi toda ye dil maine kuch bola hi nhi ,
Yaad to tujhe mai aaj bhi krti hun
Tune kabhi mera jikr chheda hi nhi ,
Mera dil to aaj bhi tera hi talabgaar hai
Tu apne dil ki suna Tera kya haal hai ,
Maine to tujhe kabhi chhora hi nhi
Tune hi toda ye dil maine kuch bola hi nhi ............-
इकरार प्यार का कैसे किया जाये
हाँ प्यार है तुमसे पर इजहार कैसे किया जाये,
सुना है एकतरफा प्यार की नहीं होती मंजिल
इसीलिए ये मन इकरार करने से जरा कतरा रहा,
तुम ही कुछ इशारा कर दो न
तुम्हारे दिल में क्या है वो बात कह दो न,
दिल और दिमाग़ तो बवाल कर बैठा है
दोनों एक दूसरे से अतरंगी सवाल कर बैठा है,
प्यार है पर इकरार कैसे किया जाये
तुम ही कह दो न इजहार कैसे किया जाये.....-
गुलाबों की तरह जीना है हर पल
नहि होता जिनपे किसी की संगति का असर
रहता है ताउम्र काँटों की छाँव में
फ़िर भी महकता है तन मन में ......................
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रिश्तों में गणित ना लगाओ
किसी को प्यार दो तो उसे ना जताओ
जोड़ घटाना का खेल नहीं है रिश्ता
अहसास उम्मीद के धागों से बंधा है रिश्ता......-
happiness and sadness is the phases of life so always smiling.....
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दिल की किताब में
उपस्थित है कुछ सपने कुछ अपने
अपनों के लिए ही पूरा करना है सपनो को
और अपने ही नहीं समझते यहाँ अपनों को
गर दुनिया के साथ चले तो हम भीड़ बनके रह जाते है
और दुनिया से अलग चले तो लोग हमें घमंडी बताते है
दिल की किताब में है कुछ उलझने
उन्हें हम कैसे सुलझाए
हम जिनके हो ही नहीं सकते उन्हें हम कैसे बताये........
कहानी का अंत करें या कहानी का अंत बन जाये
दिल की किताब में
उपस्थित उलझनों को हम कैसे सुलझाए...................-
आओ तुमको रंग लगा दूँ
ख्वाबों के पँख लगा दूँ,
आसमान में उड़े गुलाल
मन में उमड़े नये सवाल,
नीला लाल गुलाबी गाल
पिचकारी से करते है बवाल,
आओ तुमको रंग लगा दूँ..............
उमड़ी है आज यादें यार
कुछ वर्ष पुरानी है ये बात,
एक नयी ख़ुशी सी आयी थी
मन को बड़ा सताई थी,
आओ मिलके करें धमाल
हम भी मनाये होली का त्योहार........
Happy holi yaara.......❤️
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