किताबों की दुनिया से भी अलग
दुनिया होती है,
जरा कभी दिल को भी समझिए
इनकी भी आवाज़ होती है....-
...दिल तुम्हारी सुनेगा।
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From Maur... read more
मंजिले भी मिलेंगी
खुशियां भी मिलेगी
मनुष्य ज़रा धैर्य रखे
तो सफलता भी मिलेगी....-
आसमां में सितारें बहुत है पर महताब फिर भी अकेला रहता है,
कतारों में आशिक़ बहुत है पर कमबख्त ये दिल तुझपे ही मरता है।
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जहां बात सिर्फ हमारी हो,
बनारस के गंगा तीरे,
संग बैठा तू पास हो,
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
बाकी सब शांत हो,
नदियों की कल-कल में,
बहती प्रेम की धार हो,
आंखों में मेरे,
तेरे प्रेम का एहसास हो,
कुछ भी न शोर हो
बस धड़कन की रफ्तार हो,
होंठ रहे चुप,
आंखों से दिल की बात हो,
एक ऐसी रात हो
जो बस तेरे साथ हो...
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तेरा इंतजार हम सारी उम्र करेंगे,
तुझे अपने दिल से जुदा न करेंगे,
यूं तो मोहब्बत में कसीदे कई पढ़े हैं हमने,
पर हम मोहब्बत में साहित्य लिखेंगे।-
सांसों की हर एक सांस में आप हो,
दिल की हर एक धड़कन में आप हो,
कहने को तेरे बिन ये ज़िंदगी अधूरी है,
क्योंकि मेरे जीने की वजह ही आप हो।-
प्रेम क्या है ये तूने ही बताया मुरलीधर,
जग को प्रेम करना सिखाया मुरलीधर...
प्रेम इंतेज़ार है, प्रेम मौन है, प्रेम आत्मीय है,
दूर होकर भी जो हर पल रहता करीब है...
रुक्मणि ने तो अपना पत्नी धर्म निभाया था,
राधा संग न होकर भी प्रेम को समीप पाया था...
प्रेम त्याग है, प्रेम समर्पण है, प्रेम विश्वास है,
प्रेम कोई मोह नहीं ये तो आज़ाद पंछी है...
मीरा ने तो भक्ति से ही प्रेम को पाया था,
कृष्ण को उसने अपने ही धुन में पिरोया था...
अगर प्रेम न मिले तो उसका गम तुम न करो,
बस उसकी खुशी की ही तुम प्राथना करो...
प्रेम का अर्थ किसी का निस्वार्थ भाव से हो जाना,
चाहे उसका साथ जीवन भर मिले या न मिले...
प्रेम तो अमिट है, प्रेम अमर है, प्रेम तो रूहों का मिलन है,
जिसने प्रेम को समझ लिया फिर वो अपने प्रेम के ही संग है...-
तेरी सांवली सूरत पे
कैसे न मैं जाऊं वारी कृष्ण,
तेरा रूप धवल लागे मनमोहक
यशोदा का तू लल्ला कृष्ण...
सखी कहे मत निहार दर्पण को,
जब तुझमें ही मैं दिखती कृष्ण...
तुम और तेरे मुरली की धुन,
चारों ओर देखो गूंजती कृष्ण..
मुख पे सौम्य, शांत और मुस्कान,
मेरे मन को है लुभाती कृष्ण...
रास रचे तू गोपियों संग,
वासी कहे तुझको हरजाई कृष्ण...
तन में मन में हरेक कण कण में,
तेरी ही छवि मैं देखूं कृष्ण...
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तुझ बिन मैं अधूरी
राधा का है हृदय तू
मैं हूं परछाई तेरी...
वासी कहे तुझे मेरा
पर तू तो है हरजाई कृष्ण
गोपियों संग रास है करता
राधा का है प्रेम कृष्ण...
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