फक्र है मुझे इस बात की,
कायस्थ कुल की मैं बेटी हूंँ,
कुछ अच्छे कर्मों से,
कायस्थ कुल में जन्मीं हूँ,
कलम है हमारी ताकत,
कलम से ही पहचान हैं,
कलम हमारी शान हैं,
और हम उसपे कुर्बान हैं,
फक्र हैं मुझे की मैं कायस्थ हूँ,
कायस्थी होना मेरा सौभाग्य हैं,
हमारे परम पूज्य श्री चित्रगुप्त महाराज हैं,
उनके हाथों में रहती,
मोर कलम और स्याहीं हैं,
सबका लेखा जोखा रखना,
उनका ये आधिपत्य हैं,
कलम दवात की पूजा हम सब करते एक साथ हैं,
फक्र हैं हमें की हम कायस्थ हैं,
कायस्थ होना हमारा सौभाग्य हैं,
-
–😘 First crush my mom
–Single✌️
–ziddi girl😘❤️
मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकद्दर की बात है,
और हम कोशिश भी ना करे ये गलत बात है..!
-
आज दिन है उनके पूजन का,
जिनके अंश है हम,
रखते हैं जो दुनिया का लेखा जोखा,
उनके वंश हैं हम,
आज करते हैं हम चित्रगुप्त महाराज की पूजा,
क्योंकि चित्रांशी हैं हम-
“जिनकी याद रात में सबसे ज़्यादा आती है,
वही शख्स हमारे दिल के सबसे ज़्यादा करीब
होता है !!”-
Humne bhi kisi se pyaar kiya tha,Haathon mein phool lekar intzaar kiya tha,Bhool unki nahi bhool toh hamari thi,Kyon ki unho ne nahi, Humne unse Pyaar kiya tha..!!
-
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी हैं,
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी हैं ,
सामने तुझको बिठाकर तेरा दीदार करूँ,
अपनी आँखों में बसा कर कोई इक़रार करू,
जी में आता हैं के जी भर के तुझे प्यार करू।
-
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,
काश एक वादा ही उसने निभाया होता,
मौत का किसको पता कि कब आएगी,
पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता।
किसी दिन तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम,
दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम,
मेरी यादों से लिपट कर रोने लगोगे,
जब ज़मीन को ओढ़ कर सो जायेंगे हम।
-
हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे।
हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर,
बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए।
जिसे निभा न सकूँ ऐसा वादा नहीं करता,
दावा कोई औकात से ज्यादा नहीं करता।
नहीं पसंद मोहब्बत में मिलावट मुझको,
अगर वो मेरा है तो ख्वाब भी बस मेरे देखे।
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें,
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं।
-
काश तू चाँद मैं तारा होता,
आसमान पे एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हें दूर से देखते,
पास आने का हक़ सिर्फ हमारा होता।
-
आज दिन हैं उनके पूजन का,
जिनके अंश हैं हम,
रखते है जो दुनिया का लेखा-जोखा,
उनके वंश हैं हम,
आज करते हैं हम चित्रगुप्त महाराज की पूजा,
क्यूँकि चित्रांश हैं हम,-