Wo rimjhim sir girti hui boonde,
Roshni me dekho me kitna chamakti hai.....
Andhera raste chhupate hai magar.....
Wo fir zameeno se ja milti hai.....
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वो पेश कीमती सा शख़्स न जाने मुझे कैसे मिल गया,
गमों के काले साये मे वो आकर, खुशी कें नूर सा खिल गया...
और जब उसने फरमाया अपना नज़रों करम मेरी ओर,
हम तो निगाहें देखते रहे और वो हमारी रूह तक उतर गया ......
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तुझे अश्क़ों से लिखूँ तो तु मिट न जाए कहीं,
तुझे अधरों मे भरूँ तो दिल भर न आए कहीँ,
तेरी इबादत जो करी इस दिल ने तो ख़ुदा मुझसे रूठ गया,
डर लगता है कि अब इस मकाम पर तु छूट न जाए कहिं....-
जी भर कर खेल तु मुझसे,
तु भी क्या याद करेगा...
मेहफिल मे जो भूल मुझको,
अकेले मे बस मेरी फरियाद करेगा .....-
एक ही बार मिलकर ये यार मत करना,
पहली बार मे ही किसी पे ऐतबार मत करना,
वक़्त ले उसे समझने के लिए,
देखते ही कभी किसी से प्यार मत करना......-
उसे सच्चा समझा था मैंने जो आज झूठा लगता है
माना एक तरफा या मेरी पसंद वो..........
मनपसंद वो शक्स अब नजरो से हटने लगा है-
वो भीगी सी बारिश और उसकी बूंदों में तुम,
वो भीगती हुई मैं और भिगाते हुए तुम,
वो कुछ बेखबर सी मैं कुछ बा असर से तुम,
वो तुझमें मैं और मैं में तुम.......-
इन आंखों के आसूं देख सके इतना कोई खास नहीं,
मैं खुदसे कब दूर हुई इस बात का मुझको एहसास नहीं,
जिंदगी के अंधेरे में कुछ इस कदर खो चुकी हूं,
के उजाला किसे कहते अब मुझे याद नहीं.....-
ना जाने क्यों आज रोना चाहता है दिल,
गम के इन अंधेरों में खोना चाहता है दिल,
रोशनी की भी दस्तक ना हो सके जहां,
ऐसी गहराइयों में खोना चाहता है दिल......-
वो जिसका नाम ही प्यार होगा....
सोचो ज़रा कितना खुशकिस्मत उसका यार होगा,
हर खुशी पे आखिर उसका ही इख्तियार होगा,
मुख्तसर ये ऐतबार जो मुस्तकिल इस बार होगा,
हए मुरशाद,
आखिरकार उसके नाम में ही प्यार होगा.....-