इस दौर में अब हर क़दम
तुम्हारा साथी कौन होगा?
गिले शिकवे जो सुनकर
मुंह न फेरे , कौन होगा ?
हमें आदत है कहने की
दिल- ए- नादां गर बातें
कहकहों को दिल पे न ले
दरिया - दिल कौन होगा?
कुछ वक़्त जिसके साथ
हम हंसकर बिताएं
अपनी तन्हाई में कोई
एक साथी ऐसा पाएं
कितने लम्हें कितनी बातें
औऱ हसीं सी मुलाकातें
किताबें नहीं होंगी अगर
अपना साथी कौन होगा
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Entire piece of mine
May not remain same as before
Having several heart breaks
I'll still chose to keep
My inner soul as before-
वीरानियाँ इक शोर हैं
स्याह रात से गुज़रते हुए
हर उस मुसाफ़िर के लिए
जिसके अंतस में
निरंतर डूबता जा रहा हो
आशा और विश्वास का
सूरज...
वह शोर जिसमें वह देखता है
अपने अस्तित्व को मिटते हुए
अपनी आभा को नष्ट होते हुए ..
अपने किये गए प्रयासों का
कोई सार्थक परिणाम न पाते हुए ,
हर उस व्यक्ति को होती है
बस उस अवसर की तलाश
जो उसे लौटा सके ,
उसका टूटा हुआ विश्वास ,
उसके द्वारा किये गए हजारों प्रयास
का सफल परिणाम
उसके जीवन की मिठास ...!
उसे नही चाहिये होता है
वजन भरे शब्दों की सलाह
दिखावे मात्र की परवाह
ताकि वो जीवन्त रख सके
प्रेम करने वाले निष्कपट हृदय को
और सहेज पाए
विश्वास करने की क्षमता ...!!!
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दीवारें बोलती नहीं हैं
बल्कि ये होती हैं शांत , गंभीर
और स्थिर ...!!!
समय के वेग और तड़ित प्रवाह
के क्षरण से स्वयं को बचाते हुए
न जाने कितनी
कला , संस्कृति और परंपराओं को
खुद में समेटे होती हैं
जिनके परकोटो पर चिन्हित होते हैं
यदा - कदा कुछ प्रेम - प्रसंग
जिनके वीरान हो चुके आंगन में भी
खिलते रहते हैं वासंती पुष्प और खग -कुल
कलरव करते हैं ।
जिनके खंडहर हो जाने पर भी
उन्हें उतना ही संभाल कर
और सज़ा कर रखा जाता है
जैसे किसी बेहद प्रिय व्यक्ति की स्मृतियों
को उसके गुज़र जाने के पश्चात् ...!!!
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अहं राष्ट्री सङ्गमनी वसूनां चिकितुषी प्रथमा यज्ञियानाम्।
तां मा देवा व्यदधुः पुरुत्रा भूरि स्थात्रां भूर्यावेशयन्तीम्।।
- वाक्सूक्त (३/८)
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// THE GIRL CHILD //
She is lovely and beautiful
Look her with divinity
World is incomplete without her
Adore her with dignity
Captioned ...
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कुछ रिश्ते बेहद ज़हीन होते हैं
जो अक्सर अपने होने का शोर नही मचाया करते
वो बन जाते हैं ऐसे ही जैसे
पृथ्वी के आंतरिक शैलों की क्रमिक क्रियाओं से
बन जाते हैं पहाड़ ...!!!
जैसे हिमशिखरों से हर रोज पिघलती बर्फ से
निकल पड़ती है कोई नदी
वो इतने ही स्थिर होते हैं
जितना स्थिर होता है पर्वत
इतने सरल और पवित्र होते हैं
जितनी एक अविरल बहती सरिता ...!!!
(अनुशीर्षक *)-