SHREYA KARNWAL   (S. Preet)
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Palka te rehn wale palka hi fukk gaye
Joined 10 June 2019


Palka te rehn wale palka hi fukk gaye
Joined 10 June 2019
24 JUN 2020 AT 17:03

तेरी रोशनी मेरा अंधेरा नहीं मिटा सकती ,
मै गहराईयों से भी गहरा हूं ,तू उनमें नहीं जा सकती।
मैं अपने खालीपन से भर चुका हूं ,
ये उसकी वापसी की बातें मत कर ,जब तू जानती है के वो लौट के नहीं आ सकती ।
ये तू मेरे दिल में ऐसे और आग लगा मत जब तू आग उसे भूझा नहीं सकती ।

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20 APR 2020 AT 9:28

पूछा था मैंने, उससे क्या होगा
अगर मैं तुम्हें छोड़ जाऊ तो,
उसने कहा बताऊंगा ,अगर मैं
अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ा पाऊ तो
कुछ ऐसे ही एक दिन और बढ़ गया
मेरी सालो की हार में।

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15 APR 2020 AT 19:59

वो गुलाब की पत्ती मुरझा रही है।
इतनी देखभाल करते है,उनकी फिर भी खुशबू जा रही है।
देखो , तुम चले जाओ अब सहन नहीं होता
तुम्हारे बदन से किसी और की बू आ रही है।

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11 APR 2020 AT 23:48

मुझे सन्नाटे में भी कुछ शोर सुनाई देता है।
देखो , जरा ध्यान से देखो
कहा था ना मैंने , तुम्हारे दिल में मेरे अलावा भी
कोई और दिखाई देता है ।

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10 APR 2020 AT 9:41

आह निकली है, दूर तलक तो जाने दो।
सवाल भेजे है हमने , सब बताएंगे
पहले उनके जवाब तो आ जाने दो ।

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22 AUG 2019 AT 10:48

सोच रहा था, उस बेवफा लहर के बारे में,
उसकी बेवफाई, कुछ तो सीखा गई,
अभी पूरी तरह संभला भी नहीं था,
के एक, दूसरी लहर भीगा गई।

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3 AUG 2019 AT 21:26

जिन्हे समझा आसमां, वो तो ज़मीं निकले
लगा करोगे हर कमी पूरी, तुम तो खुद मे ही कमी निकले|

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24 JUL 2019 AT 19:31

रिश्ते अपने हमने कुछ इस तरह बचा लिये,
जो थे ज़हर के फल, कुछ उन्होंने, कुछ हमने, मिलकर खा लिये |

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27 JUN 2019 AT 16:32

जब -जब तेरी याद आई,
मैंने कलम उठायी,
सोचा लिखूँगी मुहोब्बत की दास्तान,
मगर मैंने तो बेवफाई की स्याही पाई |

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27 JUN 2019 AT 0:40

उसने कहा, तुम लिखते बहुत हो क्या ज़िन्दगी मे कोई कमी है, मैंने कहा मैं आसमां हूँ, और जिसका मेल नहीं होना तू वो ज़मीं है |

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