तेरी रोशनी मेरा अंधेरा नहीं मिटा सकती , मै गहराईयों से भी गहरा हूं ,तू उनमें नहीं जा सकती। मैं अपने खालीपन से भर चुका हूं , ये उसकी वापसी की बातें मत कर ,जब तू जानती है के वो लौट के नहीं आ सकती । ये तू मेरे दिल में ऐसे और आग लगा मत जब तू आग उसे भूझा नहीं सकती ।
पूछा था मैंने, उससे क्या होगा अगर मैं तुम्हें छोड़ जाऊ तो, उसने कहा बताऊंगा ,अगर मैं अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ा पाऊ तो कुछ ऐसे ही एक दिन और बढ़ गया मेरी सालो की हार में।
वो गुलाब की पत्ती मुरझा रही है। इतनी देखभाल करते है,उनकी फिर भी खुशबू जा रही है। देखो , तुम चले जाओ अब सहन नहीं होता तुम्हारे बदन से किसी और की बू आ रही है।