कभी सोचा तो आँसू हैं,
तो कभी सोचा ढुलकते अधूरे पल हैं
कभी सोचा कितना दर्द है
तो कभी सोचा दर्द का गुल्लक है।
कभी सोचा कि कहा क्यूँ नहीं,
तो कभी सोचा इज्ज़त जाती वहीं की वहीं।-
Shreya Kanodia
(shreyakanodia)
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"लिख के लूँगी"
FOI Book Series Founder
Winner of the Vajra World Records
Author
Fashion Desi... read more
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Joined 19 July 2017
16 MAR AT 20:25
4 MAR AT 14:24
कि खाली बैठते हैं तो,
तुम्हारी याद आ जाती है।
सोचते हैं कुछ काम कर लें,
पर तुम्हें भूल ना सके इसलिए
सरकार भी बेरोज़गार रखती है।-
11 JAN AT 14:08
कभी बात में,
कभी आघात में,
दिल हर पल तिलमिलाता है,
अनकहे ज़ज्बात में।-
7 JAN AT 1:24
उन रास्तों से गुज़रा
मैं फ़िर मुस्कुराया
थोड़ा उसको याद किया
फ़िर दिल को भरमाया
चलो ख़ुश है अब वो
ये सोच के कदमों को समझाया-
13 DEC 2024 AT 16:33
गिरते हैं, संभलते हैं,
संभलते हैं, फ़िर गिरते हैं,
और इस बीच,
बहुत कुछ सीखते हैं।-
13 DEC 2024 AT 10:18
बातें तब चुभती हैं,
जब बोलने वाले मायने रखते हो।
When people become unimportant,
their taunts become useless!-