मन के रंजिशो से बहती तपिश की धारा
कुछ दुःख को जलाने की
कुछ शिकवों को मिटाने की
चोटिल दिल में अभी भी एक स्वप्न सजाए
अरमान को संवारने की
मगर ये तपिश भी लगे कभी कभी धुंधली सी अब
मन के रंजिशो में भी जान लगे फीकी सी अब
एक खौफ सा लगने लगा है इन रूपांतरण से
जिसने रूप दिया एक परिंदे को
जो भटकता फिरे बेसहारा
काश फ़िर से
मन के रंजिशो से बहे तपिश की धारा-
I'm here to write some (unkahe)... read more
This girl whom I know,
Little bit complicated but knows how to grow.
This girl whom I know,
Miserably messed but knows how to keep up the show.
This girl whom I know,
Hovering around with uncertain energies and a lot of emptiness to throw.
This girl whom I know,
With a sack full of hope and waiting for the dreams to glow.-
दिल-ए-नादान,
तू बड़ा बेईमान,
सुने ना तू मेरी एक भी अज़ान,
बता मेरी आख़िर खता क्या है ?
इसमें आख़िर तेरी ऐसी रज़ा क्या है ?-
मेहबूबों के जैसे,
लिखते हैं और स्याही मिटाते हैं।
कोई पूछे अगर इश्क की परिभाषा हमसे,
तो उसको तेरा पता बताते हैं।।-
नैन झुके,
झुकी पलकें,
पलकों के पर्दों से,
देखे उनके नजारे।
ऐसे बसे दिल में,
दिल दुविधा में फसे,
की जीएं अब कैसे,
बिना देखके उनके नजारे।।-
अहल-ए-दुनिया करले चाहे जितने सितम
तू डर मत
तू किसी हालत में बिखर मत
खुद पर यकीन रख
और दिल में रख कोई फिकर मत
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Tu toota hai aaj gardish mei
Kabhi ye sitare jhilmilate bhi the
Thoda sabr rakh
Thoda sabr rakh
Kabhi jo ye musibat mei kadam dagmagate the
Vo to khade hai aaj tej toofanon mei
Bas thoda sabr rakh
Bas thora sabr rakh
Ye sitare jo toofanon mei hain
ye uthkar jagmagaenge phir aasmanon mei-
कोई तो होगा अलबेला
जो बना होगा मेरे लिए
ढूंढती हैं निगाहें
तरसती हैं बाहें
उन्हें बाहों में लेने के लिए-
आधी पूरी हूँ
आधा पूरा होना बाकी है
सपनों को पंख लग जाएं
तो शायद ये भी हो जाए
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