लिखते उनके लिए है
जो छोड़ जाते हैं
जो साथ होते
उनके लिए क्या लिखूं
साथ है वो काफी नहीं क्या-
प्रेम के अर्थ को सीमित नहीं किया जा सकता,
प्रेम का अर्थ न कोई ढूंढ पाया है और न ढूंढ पाएगा,
हर इंसान के लिए इस शब्द का मतलब कुछ अलग ही है-
Nowadays the concept of
love
is changing like the
designs
of shoes-
When "his" mother is ill he has the right to be there for his mother for as long as he wants but when "her" mother is ill she still can't stay for long.
And we say we are moving towards a progressive society-
कभी-कभी परिस्थितियाँ आपके विद्वेष को व्यक्त करने के लिए सुविधाजनक होती हैं
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लोग कहते हैं वो इंसान कमज़ोर था
मगर सच तो यह है कि ये दुनिया कमज़ोर है
जिसने उस इंसान को इतना मजबूत बनाया
की वो इस कमज़ोर दुनिया को छोड़ गया अपनी हालात पे-
तुम्हारे लिए वही सही था
मैं तो बस तुम्हारी
आँखें खोलने आया था तुम्हारी ज़िन्दगी में
की कुछ मेरे जैसे भी होते हैं
जो सिर्फ एक सीख देने आते हैं-
अगर एक सच की वजह से
बाकी सारे कहे सच झूठ हो जाएं
बाकी सारी की हुई चीज़ें झुटला दी जाएं
तो मैं शायद झूठी जिन्दगी के ही लायक हूँ-
किसी भी रिश्ते में इंसान नही बदलते
समय बदल जाता
और उसके साथ बदलती है तो
सिर्फ लोगों की अपेक्षाएं-