Shreshi Shri   (Merry_shri)
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Joined 4 August 2020


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20 MAY AT 20:10

सुने,
हरपल रूठना आपसे है मुझे,
बिना बात के झगड़ना भी है आपसे!

आपको ही मनाकर मुझे समझाना है,
हरबात पे मुस्कुराकर "हाँ "कहना है !

मुझमें ही आपको उलझे रहना है,
बच्चों सी हर बात मेरी आपको मानना है!

कहे निभा पऐंगे ऐसे प्रीत मुझ संग,
दिखाऐंगे प्रेम के हर रंग अपने संग!

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18 MAY AT 20:46

तुम हवा मे इक सुगंध सी
बह रही हो,बस मकरंद सी

दृष्टि तुम्हारी कोंपल कोंपल
पसीना ज्यौं ओस का जल

गुलमोहर से लाल गाल
और कुमुदिनी-सा भाल

अपराजिता से कर्ण पल्लव
और पलकें छुईमुई की डाल

ग्रीवा तुम्हारी इतनी सुंदर
जैसे सुंदर गुल गुलनार

यौवन की परिभाषा इतनी
तुम खुद हो इक गुलाब !

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24 MAR AT 20:27

ये देखे प्रियवर वक़्त फिसलता जा रहा है
की इश्क हाथो से निकलता जा रहा है

अब तक जो जिंदगी गले मिल रही थी
राफ्ता राफ्ता ये छूटता चला जा रहा है

खुशियों का वो उजाला ढल चुका है
पश्चिम में सूरज जैसे ढलता जा रहा है

मुंतजिर हैं मेरी आँखें देखने को ये की
शाम ए जिंदगी कैसे ढलता जा रहा है

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13 MAR AT 9:32

होली की सुबह, सूर्य की रोशनी की बारात,
आपके साथ में रंगों का संग।
आपकी आँखों से रंगों का खेल,
आपके साथ में होली का मेल।

आपके हाथों में गुलाल की बौछार,
आपके साथ में रंगों का अर्थ।
आपके मुस्कान में रंगों का खेल,
आपके साथ में होली का मेल।

होली की सुबह, आपके साथ में,
रंगों का संग, प्यार का मृदंग।
आपके साथ में होली का आनंद,
आपके साथ में होली का द्वंद।

लगी सिहरन आपके संग की अंगों पर
झट आँखे खुली तोह पाई अकेली बिस्तर पर

था ये सपना आज सुबह की
अब लगने लगी आपकी कमी
इस ख्वाबों के असल मिलन की।

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13 MAR AT 9:04

होली की सुबह ,रंगों का संग,
मैंने अपने दोस्त को रंग दिया पंग।
वह मुझे दौड़ाई, मैं उसे भगाई
हम दोनों होली के रंग में हर्षाये।

मैं अपनी बहन को रंग दी केसरिया,
वह मुझे रंग दी पीला और गुलाबी।
मैंने उसे कहा, तुमने मुझे क्यों रंग दिया गुलाबी?
उसने कहा, तुम्हारी शक्ल है पहले से ही गुलाबी ।

मैंने अपने पिताजी को रंग दिया हरा,
वो मुझे रंग दिये फिर से पीला और गुलाबी।
मैं उनसे कही,
पिताजी आप मुझे फिर क्यों रंग दिये गुलाबी?
वो कहे , तुम्हारी शक्ल है पहले से ही गुलाबी।

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21 FEB AT 17:51

नारी तुम हो शक्ति की प्रतीक,
तुम्हारी मेहनत से चलता घर-परिवार।

तुम्हारी आवाज़ में है शक्ति,
तुम्हारे कदमों में है साहस।

तुम्हारी मुस्कान में है जादू ,
तुम्हारे दिल में है प्यार।

तुम्हारी शक्ति को कोई रोक नहीं सकता,
तुम्हारी प्रगति को कोई थाम नहीं सकता।

तुम नारी हो शक्ति की प्रतीक,
तुम्हारी जीत की कहानी, हर किसी को करती है प्रेरित।

तुम्हारी आवाज़ सुनी जाती है,
तुम्हारे अधिकार माने जाते हैं।

तुम नारी कहानी हो, शक्ति की, जीत की,
तुम्हारी सफलता करती है, हर किसी को प्रेरित।

नारी तुम्हारी शक्ति है अनंत,
तुम्हारी मेहनत और साहस को है सलाम।

तुम्हारी जीत की कहानी, करती है हमें प्रेरित,
तुम्हारी सफलता हमें, आगे बढ़ने की देती है प्रेरणा।

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21 FEB AT 12:37

आपके प्रेम में लिखती हूं
श्रृंगार में लिपटी रचनाएं।
माथे की टिकुली से सजाकर
पैरों के चांदी के पायल तक,
हाथों की मेंहदी से लेकर
पैरों के लाल महावार तक,
आपको ही स्मरण करते हुए
जानें कितनी उपमाओं से
अलंकृत कर सजाती हूं।
बालों के गजरे से लेकर
कानों की बाली तक
अंतर्मन के श्रृंगार से सजा
आपके समीप ही रहती हूं।।

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21 FEB AT 12:31

वो जब भी दूर होते है,
तो बहुत नज़दीक होते है!
जानें किस रिश्ते की डोर में
मुझसे बंधे रहते है,
उस रिश्ते का नाम तक
नहीं पता रहता है !
हाँ मगर वो बहुत सुंदर
अजनबी रिश्ता होता है!
ना स्वार्थ ना कोई उम्मीद
ना ही कोई उसमें मिलावट,
सिर्फ़ भरोसे की डोर पर
ये रिश्ता टिका रहता है!

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6 FEB AT 20:32

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6 FEB AT 20:28

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