Shree Sarswat   (Shree sarswat)
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Joined 3 August 2019


Joined 3 August 2019
27 FEB 2022 AT 0:17

ऐसा......
*ये ना पूछँना...*

*ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है..*

*क्योंकि शिकायते तो उन्हें भी है...*

*जिन्हें ज़िन्दगी सबकुछ देती है*— % &

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27 FEB 2022 AT 0:14

*तुझे क्या पता "तेरे इन्तजार" में ....* 💞
*हमने कैसे वक़्त गुजारा है ...* 😘
*एक बार नहीं हजारों बार ....* 💞
*"तेरी तस्वीर" को निहारा है ....* 😘— % &

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29 JAN 2022 AT 23:27

गाँव रा गुवाड़ छुट्या ,लारे रह गया खेत
धोरा माथे झिणी झिणी उड़ती बाळु रेत..,
उड़ती बाळु रेत, नीम री छाया छूटी
फोफळीया रोँ साग, बाजरी गि रोटी

आसाढ़ रे महीने में जद खेत बावण जांता
हळ चलाता बिज बिजता कांदा रोटी खांता..,
कांदा रोटी खांता भादवे में काडता निनाण
खेत माइल झुंपड़े में सोंता खूंटी ताण

गरज गरज मेह बरस्तो खूब नाचता मोर
खजड़ी रा खोखा खांता बोरडी गा बोर

बोरडी गा बोर खावंता काकड़िया मतीरा
श्राद्ध में रोज जिमता देशी घी गा सिरा...,
आसोजा में बाजरी गा सीटा भी पक जांता
काती गे महीने में सगळा मोठ उपाड़न जांता

मोठ उपाडण जांता सागे उपाड़ता ग्वार
सर्दी गर्मी सहकर भी सुखी हा परिवार..,
गाँव रे हर एक घर में गाय भेंस रोँ धीणों
घी दूध घर का मिलता बो हो असली जिणों

बो हो असली जीणों कदे ना पड़ता बीमार
गाँव में ही छोड़ आया ज़िन्दगी जीणे रो सार...,
सियाळे में धुइं तपता करता खूब हताई
आपस मं रळमिळ रेवंता सगळा भाई भाई

काईं करा गाँव री आज भी याद सतावे
कहे कवि "श्री सारस्वत "समय बितयो पाछो नहीं आवे !!— % &

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6 SEP 2021 AT 18:51

प्यार करना सिखा है….नफरतो की कोई जगह नही, बस तु ही है इस दिल ❤ मे, दूसरा कोई और नही..!

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26 AUG 2021 AT 20:53

छोटी-सी👌 Life है, हँस के जियो🕺
भुला के ग़म सारे, दिल❤️ से जियो
अपने लिए न सही, अपनों के लिए जियो

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15 AUG 2021 AT 11:16

जिंदगी अक्सर हसीन नही होती,
इसे हसीन बनाना पड़ता है कुछ अंदाज से कुछ नज़र-अंदाज से..! ☺️

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14 JUL 2021 AT 22:29

ना जाने कितने रिश्ते ऐसे भी होते हैं
_जो
बिन फेरों के एक दूसरे के होते हैं !!💕

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18 JUN 2021 AT 23:57

रोटी का कोई धर्म नहीं होता
जहां इंसानियत ज़िंदा है,
वहाँ मज़हब की कोई बात नहीं होती...

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7 JUN 2021 AT 7:35

सारे बजन उठा कर देख लिए,
दाल रोटी ही सबसे भारी है..!😢

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1 JUN 2021 AT 9:22

My village

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