Shree Nivas Singh   (SinghShree)
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Joined 23 June 2017


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Joined 23 June 2017
11 MAY AT 18:51

अगर संघर्ष देखना है, तो बाहर नहीं, पहले अपने घर में झाँकिए। अपनी माँ को देखिए, जिन्होंने हमें पालने, पोसने और बड़ा करने में कितना संघर्ष और समर्पण किया है। माँ से बढ़कर दृढ़ निश्चय, इच्छा शक्ति और कठिन समय में स्वयं को तथा पूरे परिवार को संभालने की शक्ति किसी और में नहीं होती ।।

मन में दुख छिपाकर भी चेहरे पर मुस्कान बनाए रखना हर किसी के बस की बात नहीं होती। जब सब आपके खिलाफ हों, जब अपना ही परिवार विरोध में खड़ा हो, जिस पर आपने सबसे ज़्यादा भरोसा किया हो वह भी आपके विपरीत खड़ा हो - उस समय भी एक माँ बिना हार माने, पूरे हौसले के साथ सबके सामने डटकर खड़ी रहती है और अपने बच्चों के लिए सबका सामना करती है। यही बात एक माँ को सबसे विशेष बनाती है ।।

और यह सारी बातें मैंने अपनी माँ में देखी हैं - और यकीनन, आप सबने भी अपनी-अपनी माँ में जरूर देखी होंगी ।।

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5 OCT 2024 AT 23:03

इश्क भी लिखता हूँ, राजनीति भी लिखता हूँ ,
दिल की बातें और सियासत की नीति भी लिखता हूँ ।।

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5 OCT 2024 AT 10:40

मौजूदगी की चाहत तो सबको है ,
पर न होने का एहसास किसी को नहीं ।।

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26 SEP 2024 AT 19:41

जीवन गुजर रहा है सुकून की तलाश में ,
जब से आ गए हैं गाँव से शहर के मकान में ।।

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18 SEP 2024 AT 11:07

वक़्त बहुत है बात करने के लिए,
मगर अब वो साथ नहीं है बात करने के लिए।।

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16 SEP 2024 AT 0:41

महीनें के कुछ दिन ही हमारी मुलाकात होती है,
रोज़ मिलने के दौर में बस फ़ोन पर बात होती है,
बहुत इच्छा होती है तुम्हें सामने से देखते रहने की,
कैसे बताऊँ, तुम्हें देखे बिना मेरी क्या हालात होती है।।

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16 SEP 2024 AT 0:36

गिनती के कुछ दिन ही हमारी मुलाकात होती है,
रोज़ मिलने के दौर में बस फ़ोन पर बात होती है,
बहुत इच्छा होती है तुम्हें सामने से देखते रहने की,
कैसे बताऊँ, तुम्हें देखे बिना मेरी क्या हालत होती है।।

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14 SEP 2024 AT 9:45

हाथों में हाथ थामे, हम दोनों चल पड़े साथ ,
यूं ही बिताएंगे, जीवन के हर अच्छे-बुरे हालात ।।

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12 SEP 2024 AT 13:57

मैं, सफर और मंज़िल, तीनों ही तन्हा हैं ,
इसलिए जीना, जीवन का हर एक लम्हा है ।।

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11 SEP 2024 AT 0:11

हार को गले लगा, जिसने खुशी से रास्ता बनाया ,
वही है असली विजेता, जो दर्द में भी मुस्कुराया ।।

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