मोम के पिघले इंतजार को
कहें बेवजह की बेवकूफी,
सर्द में जमी जल की धारा
बनी बर्फ़ धूप को ढूंढती फिरे,
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.-
Thoughts । Emotions । Musings
Poetry । Quote... read more
They said..
to heal is to leave..
to heal is to get runied..
to heal is to get bruised..
to heal is to turn into dust..
to heal is to release the holdings..
to heal is to misfit the most fitting..
to heal is to unbother and unbear..
to heal is to accept the breakdown..
to heal is to belittle the belongingness..
Perfect is to please,
Pretty is to perish,
Impede or heal!
A hill cant heal,
A storm cant heal,
A hurricane cant heal!
Still... is to heal,
Silence is to heal,
Serendipity is to heal!-
कितना अच्छा होता जिंदगी
किताबों सी रोज एक जैसी तुमसे मुझसे सबसे सच्ची होतीं
बेमतलब की बातें लिख रहीं जो
सब से बेकल चंचल मन की एक भी बात नहीं चलती
कहने की बातें सब तोलते
नित-दिन कहने को संजोते और खोते-खोते खो ही देते
मैं नहीं पढ़ पाती किताबें
क्योंकि मेरा मन मनचाहे विचरता है गाहे-बगाहे
चलो,
पुराने किस्से नहीं दोहराते
नये छन्द जो पंख फैलाये भरेंगे आज ऊँची उड़ानें-
ले गया ये सूरज अब मेरी सारी मुश्किलें...
पुराने बंधन, हर घुटन डूबा ले गया...
अब कल नया सवेरा होगा जो मेरा होगा...
अपने साथ एक बार फिर मेरा डेरा होगा।
🙏-
इश्क करो आसमान से
रूठा करो दीवारों से
तरस रहे माया पाने से
ज़्यादा दया दिखाने की,
बातों की क्या बैरी तू
ना छुए ना काटे-मारे,
भीतर-भीतर जले बावरा
हादसों से डरे कारवां
गुनाह असीम अन्तर्मन में
दिन रात बैठ छुपाता है
किसकी किसको कैसे कहें
रूह अपनी तड़पता है..
...-
मन मनन
में मुदित हुई
ढूंढ रही..
तुम्हारी बाहें
मैं शयन
तुम्हारी वामांगी
निर्वहन..
तुम्हारे दाहिनी
चलो चलेंगे
दूर ठहरेंगे
बेमन.. श्वास
भी नहीं लेंगे!-
Take me along..
tides high on song...
till sky retuns my soul.
Love! stay forevermore!-
मेरा सुकून
मेरी मोहब्बत का रूसूख़
मेरा लिबास
मेरी शोहबत की कैफ़ियत
मेरा एहसास
मेरी आज़माइश की उड़ान
मेरा अंदाज़
मेरी इबादत का है ठहराव
मेरा इश्क
मेरी दुआओं का अंजाम
मेरी किस्मत
मेरी आगोश़ में तेरा असबाब-
पत्थर से प्यार ना हो कभी यार
पतझड़ में ठहरी है बहार कब
पहाड़ सी विरहन, तरसता मन
पहरे नज़रों की राहों में बिछाए
सोचे मन सपनों की ओट लिए
बंजर घर और सूने आंगन बुहारे
कहते बादल, कहते तारे-सागर
कहे आंचल, कहता तन-धड़कन
इंतज़ार फले कब, ना फूले चंदन
अधर अबोल और अंतर सजल
शनै: शनै: हुआ स्थिर मन चंचल
खुशबू इतरा देख हुई है ओझल-