सच लड़की का घर नहीं होता है....ना जाने क्यों....चार दीवारी को सजा सवांर कर घर बनाने वाली लड़की का ही कोई घर क्यों नहीं होता.....मायका और ससुराल के बीच पेंडुलम सी झूलती लड़की का कोई घर क्यों नहीं होता.....तिनका तिनका जोड़ पति के साथ.....हाथ कस ख़र्च चलाती.... मन अपना मार अनगिनत बार....एक एक ईंट वो जुटा पाती.....अपने परिवार को एक प्यारा आशियां दे पाती....फ़िर भी ना जाने क्यों लड़कियों का कोई घर क्यों नहीं होता
- ✍🏼एहसासे सागर
2 JUL 2019 AT 22:51