मैंने उन दिनों की यादें
इसलिए संजोए रखी हैं
ताकि मुझे याद रहे
यहाँ तक पहुंचने के लिये
जिंदगी ने इतनी मुश्किलें झेल रखी हैं-
Love writing ✒️
18 Feb birthday
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तुमने कभी सुना क्या
खैर तुमने तो कभी
पास बैठना मुनासिब समझा नहीं
तुम्हें कैसे पता होगा
कि यहाँ हुआ क्या
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किसी के घर का रास्ता याद होना
इस बात का खूबसूरत सबूत है
रिश्ते थोड़े ही सही मगर बरकरार हैं-
बाप के पैसे पे घंमण्ड किया
तो क्या ही कमाल किया
जब बाप तुम्हारे पैसो पर गुरूर करे
तो समझना कुछ कमाल किया-
कयामत होती है उस दिन
जिस दिन मैं किसी को आवाज़ दूँ
कुछ सहम सा गया है अंदर
दिल कहता है
छोड यार क्या ,
अपने दर्द का हिसाब दूँ
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ख्वाबों से हकीकत तक का सफर
उस दिन आसान हो जाता है
जिस दिन जमाने से ज्यादा यकीन
हमें खुद पर आ जाता है-
उलझनों में उलझना बिल्कुल मुनासिब है
ज़िन्दगी के इस दौर से सभी वाकिफ हैं
लेकिन सभी को ये याद रहना चाहिए
कि ज़िन्दगी उलझनों के सिवा भी कुछ है
कभी गौर कीजियेगा ,
मालूम होगा, जिंदगी में और कितना कुछ है
-
अब तक हम दोनों
एक दूसरे से रूठे थे
ए जिंदगी सुन
मैं तो मान गयी
और तुझे तो
मै मना कर ही छोडूंगी
-
कौन कहता है,
आत्महत्या करने वाले को रोका नहीं जा सकता
एक बार रोक कर देखो
थोड़ा डॉट कर देखो, थोड़ा रूठ कर देखो
थोड़ा प्यार से बांध कर देखो
क्या पता वो खुद किसी अपने की पांबदी चाहता हो
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जब जिंदगी आपको अपना पता ना दे न
तो, आप जिंदगी को अपना पता दे दो
क्योंकि हम ज़िन्दगी को बड़ी बड़ी खुशियों में ढूंढते हैं
लेकिन ज़िन्दगी अगर हमें ढूंढती है न
तो, हमेशा छोटी छोटी खुशियों में ढूंढती है-