shraddha yadav   (Kyas)
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Mirza galiba reader
Joined 16 August 2021


Mirza galiba reader
Joined 16 August 2021
19 MAY 2022 AT 3:06

हमने भी ठोकरों से ही सीखा है मेरी जां,
हमको सिखाने थोड़े ना भगवान आये थे।।

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18 FEB 2022 AT 7:21

दर्द माज़ी के मेरा हौसला बढ़ाते हैं
और हम उनसे अपनी शायरी सजाते हैं।।।

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14 JAN 2022 AT 3:06

मेरी अंधेरी सी गलियों का मानो शोर था वो
लेकिन महज़ उस उम्र का ही दौर था वो

फिर इक दफा एहसास हो गया मुझको
मेरी नहीं, किसी और की ही खोज था वो

हमने फिर डर के उसे छोड़ दिया था इक दिन
मेरे माजी की तरफ बढ़ रहा हर रोज था वो

और इक रोज मेरा सामना हुआ उससे
इस कदर मिल रहा था के जैसे गैर था वो

मैं जिसे इतने दिन से जानती थी
वो नहीं था कोई और था वो

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4 JAN 2022 AT 9:25

दरिया की लहरें और हैं आंखों का पानी और है
और उस पर खामशी की ये निशानी और है,

तुम बहुत खुश हो मगर तुमको नहीं मालूम है
सुन लो मियाँ वो सारी की सारी कहानी और है
दरिया की लहरें और हैं आंखों का पानी और है।।

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3 JAN 2022 AT 20:35

हम एक उम्र तलक सबके दिल पे राज किए
जाने कितनो को मुलाकात से मोहताज किए,

गैर शहरों में जाकर के तो अपना सा लगा
अपने ही शहर ने इस दिल को दुख हज़ार दिए।।

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8 DEC 2021 AT 17:41

जिनको कहते हो कि उन सब ने बिगाड़ा मुझको
सच तो ये है के उन्हीं सब का सहारा मुझको
वो न होते तो ये दुनियां तो जुट पड़ी थी कि
कैसे कर पाते वो भगवान का प्यारा मुझको
मैंने जो पाप कभी ख़्वाब तक में न सोचे
करना पड़ता है उन सभी का कफ़ारा मुझको।।।

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2 DEC 2021 AT 17:49


इत्तेफाकन ये बात उनको बताई जाए
दूरियां गर हैं तो निभाई जाए
मेरे चेहरे को है सुकूं की तलब
उसके चेहरे की चमक बढ़ाई जाए।।।

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24 NOV 2021 AT 7:26

बड़ी आसानी से कह दिया मुझको
सबकी हालत पे छोड़ दो सबको

जिन्हें हालात ने छोड़ा नहीं कहीं का भी
कैसे हालात के चलते मैं छोड़ दूं उनको।।

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22 NOV 2021 AT 19:53

ऐसा लगता है मुझको मेहर दे दिया
मेरी गजलों को उसने बहर दे दिया
मैं अचानक से डूबा जो सैलाब में
ऐसा लगने लगा की कहर दे दिया
और एक दिन मेरी नेकियां देख कर
मेरे अल्लाह ने मुझको सबर दे दिया।।

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21 NOV 2021 AT 21:44

आज जो एक दुल्हन को देखा
घर आ कर के बोले बेटा
याद तुम्हारी आज बहुत आई हमको
मुझको न मालूम की उस शादी में
क्या क्या घटित हुआ
लेकिन दुलहन को चुप करवाते
एक तस्वीर दिखी है मुझको
और वो बोले देखो बेटा
बिल्कुल तेरे जैसी है
वो भी किसी की बेटी है।

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