दिल इतना भर गया है कि लब खाली से हो गये है
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तुम्हें निहारने से जो उलझन होती है
उसकी शिकायत करू भी तो किस से
आँखों को सुकून मिलता है , तो दिल में उठती है बेचैनीयों का बवंडर
एक पल तुम्हें चुमना चाहती हूं उस पल में ही तुम्हारा आलिंगन चाहती हू ।।
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अपनी दुनिया एक ही शख्स पर मत समेट लेना
अगर वो इंसान तुम्हारे लाइफ से चला जाएगा तो तुम इस दुनिया की भीड़ में अकेले पड़ जाओगे।।-
ऐ जिंदगी तुझे क्या चाहिए मुझ से
तूने दिया ही क्या है मुझे
दुःख और पीड़ा के अलावा
ले जा अपने दिए हुए दुख
ऐ जिंदगी तुझे क्या चाहिए मुझ से ।।-
कभी कभी ऐसी शाम आती है जो हमें
अनजान दुखों से भर देती है
दुःख के स्पन्दन शून्य कर देती है
जीवन निरव सा हो जाता है
रह जाता है मन पर खिन्नता की गठरी
मन व्याकुल बेचैन हो जाता है
पर आखिर ये सब महसूस क्यु होता है
इसका ठोस कारण पता नहीं चल पाता है
बस मन में रह जाता है अनजान दुख
ये अनजान दुख कुछ और नहीं,
छाया है नाकामी की
जो जीवन गुजरते पल के साथ नाकामी की छाया बढ़ती जा रही है।
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मैं शून्य पर खड़ी हूं
अपने जीवन का मर्म देख रही
बीता बचपन,गुज़रती जवानी,शेष बचा जीवन
बस यहीं है त्रिकोण जीवन की कहानी ।।
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let me fly high
let me explore this world
let me go beyond to your social norms
let me deep dive in the ocean of world
let me go away from my scared
let me rejoice my freedom
let me say loud and clear
freedom is my ultimate Goal
let me fly high
let me fly Again-
let me fly high
let me explore this world
let me go beyond your social norms
let me deep dive in the ocean of my world
let me the go away from my scared
let me rejoice my Freedom
let me say loud and clear
freedom is my ultimate Goal
let me fly high
let me fly again-
कान्हा कहाँ है जो मैं मीरा बन जाऊँ
शिव कहाँ है जो मैं सती बन जाऊँ
है राम कहाँ जो मैं सिया बन जाऊँ
प्रेम के कलश में विष लिए फिरते है
है प्रेम की शय्या कहाँ जहां मैं उमा तप करू।
है प्रेम नहीं इस जग में
प्रेम की ईश्वरवाता की ठोह लेने कहाँ जाऊँ।।
~श्रद्धा-