Taking stand for myself when only I can realise my fight, challenges and acknowledge my resilience. Along with taking care of loved one's; not indulging in over emotional stuff but affectionately. As the key to failure is trying to please everybody!
I wonder, how could I conquer it!
I am grateful to have these insights, when needed.
Falling and standing up on the path is the right way!
And friends! They are the best thing happened to me!-
गहन संवेदनाएं बुनकर ही "श्रद्धा" बनी हूं मैं!
Is that it keeps on going! We can create margins to live fully in between the chaos.
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गर्दिश के दौर में जब खो गए सब रास्ते,
सोचा नही था कि ये करिश्मा होगा।
उनके आते ही हंसने लगते हैं
सब दर्द मेरे,
उन्हें जरूर किसी फ़रिश्ते ने भेजा होगा!-
Radio: dheere dheere se meri zindagi me aana
*Nobody*
Le me: God has taken this song damn seriously for me!-
वो दर्द में है, उसे चूम भी नही सकते।
हाथ पकड़ दो कदम घूम भी नही सकते।
क्या करूं खुशियां कामयाबियां लेकर तमाम
गले उसके लगके झूम भी नही सकते!
फ़र्ज़ सारे कीमती हैं मेरे लिए,
पर बिन उसके मेरा होना इक मजबूरी ही है।
उसके आने से ही तो पूरी हुई हूं मैं,
जिंदगी तब भी अधूरी सी है।
आंसू भी वहां पहुंच नही सकते,
जख्म इतना गहरा हो चला है।
तेजाब अंदर ही रहे,
इसी में भला है!
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सुख तो वारे जा सकते हैं, प्यार को कैसे वारा जाये?
जोगन तेरे गुलशन से कभी एक कली भी ना चाहे!
पर मुझमें बसी जो खुशबू तेरी, कैसे उसे निकाला जाए?
सुख तो वारे जा सकते हैं, प्यार को कैसे वारा जाए?!
ना दुख में विचलित, सुख में आतुर,
यूं स्थिर मन हो सकता है,
पर प्यार से जब दिल भर आए,
वो आंसू कैसे टाला जाए?!
सुख तो वारे जा सकते हैं , प्यार को कैसे वारा जाए?!-
मेरे दोस्तों,
पिछली बार इसी दिन मैंने कुछ सखियों को चिठ्ठी भेजी थी कि वो अपने पंख मजबूत करने की सोचें।आज मैं सबको चिट्ठी लिख रहीं हूं। बस यही कहना चाहती हूं, कि बस मज़बूत पंख से देने से उड़ान अच्छी होने का दावा कैसे कर सकते हैं?
हमें आसमान भी तो देना होगा ना। जब हर महीने उड़ान का तरीका बदलना होता है, तब तन के साथ मन में भी तो बदलाव होते हैं और मन में बदलाव जीवन पर भी तो असर डालते हैं। अगर हमने एक ही पहलू समझा तो बहुत कुछ अनछुआ रह जाता है। पोषण शरीर, मन और आत्मा तीनों का ज़रूरी है।
क्यूं ना हम सब समझें कि बदलाव कैसा होता है? कि ज़िन्दगी के सफ़र के इन मोड़ों की तैयारी कैसे करनी चाहिए? कि आपके साथ के लोगों का ध्यान कैसे रख सकते हैं? बहुत कुछ बेहतर हुआ है,लेकिन अभी भी ऐसे कदम ज़रूरी हैं, कि ये वरदान, अभिशाप बनने से बचे!
हमें कमजोर को मजबूत, और मजबूत को और मजबूत बनाना है। सहानुभूति नहीं, मज़ाक नहीं, छुई-मुई बनाने वाली लापरवाही भी नहीं और दूसरों से अनजाने में मिले इल्जाम भी नहीं (जो मन के बदलाव ना समझने से होते हैं) ;बस साथ , इरादे और हौंसला चाहिए। पंख और आसमान देने से क्या होगा? उड़ान को दिशा भी चाहिए। आओ दिशा बनते हैं, आगे बढ़ते हैं!
तुम्हारी दोस्त,
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तुम आओ तो शायद घर का नज़ारा बदले,
टूटी हुई कश्ती का किनारा बदले;
आंधियों से लड़ती, खो कर असबाब सारे;
तुम आओ तो शायद किस्मत का इशारा बदले!
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I was feeling as we are connected through the earth, keeping the walls apart. Just as some strings were attached beneath the earth. I could feel the love, even though I never stepped out of my home.
After sometime I started getting love vibes as love has charged the air with love ions....as wherever I go, they reach me. Had love has a radar?
Soon I felt it's getting into me...
One day I found I am sinking in the ocean of love....
Then there is only love that talks, works, stays or travels....-