Shraddha Khare   (श्रद्धा खरे)
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जितना तपा सकोगे, उतनी "खरी" हूं मैं;
गहन संवेदनाएं बुनकर ही "श्रद्धा" बनी हूं मैं!
Joined 23 May 2019


जितना तपा सकोगे, उतनी "खरी" हूं मैं;
गहन संवेदनाएं बुनकर ही "श्रद्धा" बनी हूं मैं!
Joined 23 May 2019
13 FEB AT 11:57

The warmth of the soul unites and give a reason to live for!

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5 JUN 2022 AT 18:15

गर्दिश के दौर में जब खो गए सब रास्ते,
सोचा नही था कि ये करिश्मा होगा।
उनके आते ही हंसने लगते हैं
सब दर्द मेरे,
उन्हें जरूर किसी फ़रिश्ते ने भेजा होगा!

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28 APR 2022 AT 13:24

Radio: dheere dheere se meri zindagi me aana
*Nobody*

Le me: God has taken this song damn seriously for me!

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30 JUN 2021 AT 16:21

सुख तो वारे जा सकते हैं, प्यार को कैसे वारा जाये?

जोगन तेरे गुलशन से कभी एक कली भी ना चाहे!
पर मुझमें बसी जो खुशबू तेरी, कैसे उसे निकाला जाए?
सुख तो वारे जा सकते हैं, प्यार को कैसे वारा जाए?!

ना दुख में विचलित, सुख में आतुर,
यूं स्थिर मन हो सकता है,
पर प्यार से जब दिल भर आए,
वो आंसू कैसे टाला जाए?!
सुख तो वारे जा सकते हैं , प्यार को कैसे वारा जाए?!

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28 MAY 2021 AT 22:54

मेरे दोस्तों,

पिछली बार इसी दिन मैंने कुछ सखियों को चिठ्ठी भेजी थी कि वो अपने पंख मजबूत करने की सोचें।आज मैं सबको चिट्ठी लिख रहीं हूं। बस यही कहना चाहती हूं, कि बस मज़बूत पंख से देने से उड़ान अच्छी होने का दावा कैसे कर सकते हैं?
हमें आसमान भी तो देना होगा ना। जब हर महीने उड़ान का तरीका बदलना होता है, तब तन के साथ मन में भी तो बदलाव होते हैं और मन में बदलाव जीवन पर भी तो असर डालते हैं। अगर हमने एक ही पहलू समझा तो बहुत कुछ अनछुआ रह जाता है। पोषण शरीर, मन और आत्मा तीनों का ज़रूरी है।
क्यूं ना हम सब समझें कि बदलाव कैसा होता है? कि ज़िन्दगी के सफ़र के इन मोड़ों की तैयारी कैसे करनी चाहिए? कि आपके साथ के लोगों का ध्यान कैसे रख सकते हैं? बहुत कुछ बेहतर हुआ है,लेकिन अभी भी ऐसे कदम ज़रूरी हैं, कि ये वरदान, अभिशाप बनने से बचे!
हमें कमजोर को मजबूत, और मजबूत को और मजबूत बनाना है। सहानुभूति नहीं, मज़ाक नहीं, छुई-मुई बनाने वाली लापरवाही भी नहीं और दूसरों से अनजाने में मिले इल्जाम भी नहीं (जो मन के बदलाव ना समझने से होते हैं) ;बस साथ , इरादे और हौंसला चाहिए। पंख और आसमान देने से क्या होगा? उड़ान को दिशा भी चाहिए। आओ दिशा बनते हैं, आगे बढ़ते हैं!
तुम्हारी दोस्त,

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16 MAY 2021 AT 15:53

बिलेह, मेरी बालसखा!

तुम्हें तो सब पता है ना दिल की बात!
अब कहना क्या है,
तुम्हारी ज़िंदादिली से आग लेते हैं बस।
जिसके लिए तैयारी थी वो वक़्त आ गया,
आंधियों से झगड़ने का वक़्त आ गया,
तुम्हारी रूह की रौशनी, कलम की जादूगरी,
जज़्बे की आज़माइश का वक़्त आ गया।
मै तो वाक़िफ हूं।
सोचती हूं जब दुनिया तुम्हारे कमाल देखेगी,
तो कितना रश्क़ करेगी!
आबाद रहो!
बार - बार दिन ये आए, बार - बार दिल ये गाए,
तुम जियो हज़ारों साल❤️


ढेर सारा प्यार
बालसखा

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14 MAY 2021 AT 12:15

ये वक़्त दुआ इकट्ठा करने का नहीं,
किसी की दुआ को मुकम्मल* करने का है ।

अपने आस पास को प्यार से भरना बस,
उसी को रौशन करना बस..
दुनिया जल्दी ही जीतेगी।
अपना अपना हिस्सा मुकम्मल करना बस।
आपका हिस्सा बढ़ता रहे, अक्षय रहे🙏🌸

*पूरा, manifest


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13 APR 2021 AT 10:38

आत्मीय परिजन,

यह नववर्ष आपके जीवन में नवीन उल्लास, नवीन शक्ति और उत्साह को पल्लवित करे। मां शक्ति आपके पुरुषार्थ को प्रखरता व तेजस्विता से भर दें, इस चुनौतीपूर्ण समय का हम सभी डटकर - जिम्मेदारीपूर्वक सामना कर सकें यही प्रार्थना, यही मंगलकामना🙏💐

आदर सहित,
श्रद्धा

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8 APR 2021 AT 11:27

दीदी - सब्ज़ी कुकर में बना लो, कढ़ाई में टाइम लगेगा।

मन - तभी तो! कढ़ाई के सामने खड़े - खड़े थोड़ा और डूब लूंगी तुममें, और खुलकर मुस्कुरा लूंगी तुम्हें याद करके। बाकी वक़्त अवचेतन में तो रहने ही लगे हो।
तुम मेरा ध्यान बन गए हो या भटकन?!

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7 APR 2021 AT 11:23

Greetings on this World Health Day! May you seek the treasure within,
manage the inner resources.
Humans are naturally designed to be omnipotent if are dedicated to care ourselves physically, intellectually, emotionally and spiritually!
Happy living!🌸

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