shraddha chadar  
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Joined 26 April 2021


Joined 26 April 2021
25 APR AT 17:30

(ग)उपपद तत्पुरुष -ऐसे तत्पुरुष समास जिनका बाद वाला शब्द भाषा में स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त नहीं होता और प्रत्यय की तरह किसी अन्य शब्द के साथ आता है; जैसे -
समस्त पद विग्रह
दिनकर दिन को करने वाला
थलचर थल पर विचरण करने वाला
जलचर जल में विचरण करने वाला
नभचर नभ में विचरण (उड़ने) करने वाला
स्वर्णकार स्वर्ण (सोने)का काम करने वाला
लाभप्रद लाभ को प्रदान करने वाला
फलदायी फल को देने वाला

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25 APR AT 17:12

(ख) अलुक् तत्पुरुष - इसमें कारक चिह्न का लोप नहीं होता अपितु कारक चिह्न विद्यमान रहता है; जैसे _
समस्त पद समास विग्रह
मृत्युंजय मृत्यु को जय करने वाला
धनंजय धन (कुबेर) को जय करने वाला
मनसिज मन में जन्म लेने वाला
सरसिज सर (तालाब) में जन्म लेने वाला
थानेदार थाने का दार (जिम्मेदार)
ठेकेदार ठेके का दार

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17 APR AT 16:41

अभी तक की post में आपने सीखे (क) लुप्त तत्पुरुष के प्रकार में
1. कर्मतत्पुरुष 2. करण तत्पुरुष 3. संप्रदान तत्पुरुष 4. अपादान तत्पुरुष 5. सम्बन्ध तत्पुरुष 6. अधिकरण तत्पुरुष।
अब आप सीखेंगे(ख) अलुक् (अलुप्त) तत्पुरुष (ग)उपपद तत्पुरुष (घ)नञ् तत्पुरुष
परिभाषा और उदाहरण सहित अगली post भाग 11,12,13 में

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17 APR AT 16:02

समस्त पद समास विग्रह
आनंदमग्न आनन्द में मग्न
पुरुषोत्तम पुरुषों में उत्तम
रेलगाड़ी रेल (पटरी) पर चलने
वाली गाड़ी
लोकप्रिय लोक में प्रिय
कविराज कवियों में राजा
कर्मनिष्ठ कर्म में निष्ठ
सर्वोत्तम सर्व में उत्तम
कैदी कैद में रहने वाला
वनवास वन में वास
कर्माधीन कर्म पर आधीन
सिरदर्द सिर में दर्द
जलमग्न जल में मग्न

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17 APR AT 14:51

अधिकरण तत्पुरुष -इसमें अधिकारणकारक की सप्तमी विभक्ति के चिह्न 'में ' ,' पर ' , ' ऊपर ' आदि का लोप होता है; जैसे -
समस्त पद समास विग्रह
आपबीती आप पर बीती
कार्यकुशल कार्य में कुशल
दानवीर दान में वीर
आत्मविश्वास आत्म पर विश्वास
गृहप्रवेश गृह में प्रवेश
धर्मवीर धर्म में वीर
नीतिनिपुण नीति में निपुण

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11 APR AT 13:29

समस्त पद समास विग्रह
मनोविकार मन का विकार
फूलमाला फूलों की माला
राजदूत राजा का दूत
दीपावली दीपों की अवली (कतार)
सूर्योदय सूर्य का उदय होना
सूर्यास्त सूर्य का अस्त होना
कन्यादान कन्या का आदान (वर द्वारा
कन्या ग्रहण करना )
भूदान भू का दान
भारतवासी भारत का वासी

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11 APR AT 13:05

सम्बन्ध तत्पुरुष -इसमें सम्बन्ध कारक चिह्न ' का ' ,'के ' ' की ' आदि का लोप हो जाता है। जैसे;-
समस्त पद समास विग्रह
राजकुमार राजा का कुमार
राजपुत्र राजा का पुत्र
मृत्युदण्ड मृत्यु का दण्ड
भारतरत्न भारत का रत्न
प्रसंगानुसार प्रसंग के अनुसार
रक्तदान रक्त का दान
देशरक्षा देश की रक्षा
जलधारा जल की धारा

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12 OCT 2022 AT 17:24

संरचना के आधार पर क्रिया के चार भेद हैं -
1. संयुक्त क्रिया
2. प्रेरणार्थक क्रिया
3. नाम धातु क्रिया
4.पूर्वकालिक क्रिया
अन्य क्रिया
1. रंजक क्रिया
2. सहायक क्रिया (अपूर्ण क्रिया)
3. क्रियार्थक क्रिया

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9 OCT 2022 AT 16:17

5.कर्मवाच्य का प्रयोग प्रायः निम्नलिखित स्थानों पर होता है _
(क) जहाँक्रिया का कर्ता अज्ञात हो; जैसे _
चिठ्ठी भेजी गई।
(ख) जहाँ कानूनी भाषा का प्रयोग हो; जैसे _
इस मामले की जाँच की गई।
(ग) सुझाव देने के लिए; जैसे _
ऐसा न किया जाए।
(घ) किसी काम को न करने की असमर्थता प्रकट करने के लिए; जैसे _
मुझसे यह काम नहीं किया जाता।

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9 OCT 2022 AT 16:06

सोनू से सोया नहीं जाता।(कर्ता के साथ)
अब सोया नहीं जाता।(कर्ता के बिना)
अब सहा नहीं जाता।
4.कर्तृवाच्य में यदि कर्ता के साथ 'ने'का प्रयोग हो तो क्रिया कर्ता के अनुसार नहीं होती, बल्कि कर्म के अनुसार होती है; जैसे _
अमित ने लीची खायी।
अमित ने आम खाया।
इन वाक्यों में अमित कर्ता है लेकिन 'ने'प्रयोग के कारण क्रिया कर्म के अनुसार आयी है।

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