आज भी तुम्हारी ही सुनता हैं,
वक़्त बे - वक़त सूर छेड़ ही देता है,
बिल्कुल तुम्हारी ही तरह हैं ,
ये मेरे मन का पियानो।
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Shraddha
(Shraddha)
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Joined 27 March 2019
22 MAR 2020 AT 10:39
5 MAR 2020 AT 9:48
अक्सर कुछ ख़ास यादे दे ही जाता है,
फिर चाहें रास्ते या राहगीर ,
दोनों ही अनजान क्यो ना हो।
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21 FEB 2020 AT 14:02
अभी भी तुम चाय ,
उस टपरी की ही पीते हो या ,
मेरी तरह तुमने उसे भी छोड़ दिया।
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9 FEB 2020 AT 20:27
तुम्हारा भी कुछ समझ नहीं आता ,
कभी तो कहते हो कोई फ़र्क नहीं पड़ता ,
और कभी किसी को हमारे करीब देख लो,
तो तुम्हारा वो नौसिखिया प्यार जाग जाता है,
उफ़!
अब क्या कहे तुम और तुम्हारा नौसिखिया प्यार।-
4 FEB 2020 AT 21:48
सबसे छुपाकर रखा था हमने तुम्हें,
पर तुमने तो खिड़की से झांककर ,
सरे- आम हमारा तमाशा ही बना डाला।
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4 FEB 2020 AT 13:54
ये कैसा संयोग हैं,
राहें अलग थी हमारी,
पर इस चौराहैं कि एक साज़िश ने हमें फिर मिला दिया।-