आज भी तुम्हारी ही सुनता हैं,वक़्त बे - वक़त सूर छेड़ ही देता है,बिल्कुल तुम्हारी ही तरह हैं ,ये मेरे मन का पियानो। -
आज भी तुम्हारी ही सुनता हैं,वक़्त बे - वक़त सूर छेड़ ही देता है,बिल्कुल तुम्हारी ही तरह हैं ,ये मेरे मन का पियानो।
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अक्सर कुछ ख़ास यादे दे ही जाता है,फिर चाहें रास्ते या राहगीर ,दोनों ही अनजान क्यो ना हो। -
अक्सर कुछ ख़ास यादे दे ही जाता है,फिर चाहें रास्ते या राहगीर ,दोनों ही अनजान क्यो ना हो।
बे-वज़ह ही तुमने , हमें ख़ुद से अलग कर दिया। -
बे-वज़ह ही तुमने , हमें ख़ुद से अलग कर दिया।
अभी भी तुम चाय ,उस टपरी की ही पीते हो या ,मेरी तरह तुमने उसे भी छोड़ दिया। -
अभी भी तुम चाय ,उस टपरी की ही पीते हो या ,मेरी तरह तुमने उसे भी छोड़ दिया।
दिल जब भरा होता हैं। -
दिल जब भरा होता हैं।
तुम्हारा भी कुछ समझ नहीं आता ,कभी तो कहते हो कोई फ़र्क नहीं पड़ता ,और कभी किसी को हमारे करीब देख लो,तो तुम्हारा वो नौसिखिया प्यार जाग जाता है,उफ़! अब क्या कहे तुम और तुम्हारा नौसिखिया प्यार। -
तुम्हारा भी कुछ समझ नहीं आता ,कभी तो कहते हो कोई फ़र्क नहीं पड़ता ,और कभी किसी को हमारे करीब देख लो,तो तुम्हारा वो नौसिखिया प्यार जाग जाता है,उफ़! अब क्या कहे तुम और तुम्हारा नौसिखिया प्यार।
क्युकी हम तुमसे प्यार करते हैं। -
क्युकी हम तुमसे प्यार करते हैं।
सुनो बस यहीं कहना था तुमसे। -
सुनो बस यहीं कहना था तुमसे।
सबसे छुपाकर रखा था हमने तुम्हें,पर तुमने तो खिड़की से झांककर , सरे- आम हमारा तमाशा ही बना डाला। -
सबसे छुपाकर रखा था हमने तुम्हें,पर तुमने तो खिड़की से झांककर , सरे- आम हमारा तमाशा ही बना डाला।
ये कैसा संयोग हैं,राहें अलग थी हमारी,पर इस चौराहैं कि एक साज़िश ने हमें फिर मिला दिया। -
ये कैसा संयोग हैं,राहें अलग थी हमारी,पर इस चौराहैं कि एक साज़िश ने हमें फिर मिला दिया।