नहीं आया हमको तुझसे बिछड़ जाना,
तेरे बिना ये जीवन है वीराना।
तेरे बिना घर भी घर नहीं लगता,
तेरा कमरा अब खाली-सा चुपचाप रहता।
हर सुबह तेरा नाम पुकारती हूँ,
तेरे आने की राह निहारती हूँ।
तेरे बिना हँसी भी रूठी लगती है,
हर बात अधूरी, हर खुशी झूठी लगती है।
तेरी तस्वीरों से अब बात करती हूँ,
रातों में तारे देखकर तुझमें खो जाती हूँ।
माँ की आँखों में तू हर पल झलकता है,
पापा का हर मौन तुझको ही बतलाता है।
तेरे बिना त्योहार भी सूने लगते हैं,
तेरे बिना तो दिन भी अधूरे लगते हैं।
तू नहीं है ये बात दिल मानता नहीं,
तू आज भी मेरी रगों में है — कहीं न कहीं।-
अब भुलाना कठिन है, वो बातें पुरानी,
हर याद तेरी बन गई कहानी।
हँसी तेरी अब भी कानों में गूंजे,
तेरी हर बात दिल को चूमें।
तेरे बिना सूना है हर मंज़र,
हर ख़ुशी में दिखे तेरा ही असर।
तू दूर सही, पर पास बहुत है,
हर सांस में तेरा एहसास बहुत है।
चल पड़ा तू जहाँ रौशनी बनके,
पर यहाँ अंधेरे में रहना कठिन है।
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हमेशा
तुम्हारा साथ पाया है
हर मुश्किलों में थामने को
तुम्हारा हाथ पाया है
मेरे हर गम में
तुमने मुझे सीने से लगाया है
शुक्र खुदा का जिसने
तुझे मेरा हमदर्द बनाया है।-
A close friend is the one who breaks your face, but does not break your trust.
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कहने को तो आज
हमारी मुलाकात हुई,
पर मुझसे ज्यादा उसकी
मेरी मम्मी से बात हुई।— % &-
बढ़ जाएं ग़र राह में कांटे
बन कर मैं परिंदा उड़ जाऊं,
छोड़ के कुछ झूठी ख़्वाहिशें
उम्मीदों का सवेरा मैं बन जाऊं।
कुछ टूटे हुए जज़्बातों की
क़ाबिल-ए मरम्मत बन जाऊं,
चन्द शब्दों की गहराइयों को
लफ़्ज़ों से बयां मैं कर जाऊं।
वो ख़्वाब जो देखे अपनी मंजिल
उसकी एक रात मैं बन जाऊं,
बरसों की पड़ी बंजर ज़मीन पे
उगता एक फूल मैं खिल जाऊं।— % &-
कहने को तो कई रिश्ते है
पर उन सब में सबसे खास है दोस्ती
जो टूटे दिल को भी जोड़ दे
ऐसा एकमात्र इलाज है दोस्ती
रोते हुए चेहरे पर
हंसी का एक लिबास है दोस्ती
लाखों लोगों के अविश्वास में
एक अपने का विश्वास है दोस्ती
बिना बोले हर बात समझ ले
ऐसी अनकही जज्बात है दोस्ती
लड़ कर भी जो ना छोड़े हाथ
ऐसा मीलों का साथ है दोस्ती
चमकते हुए सितारों की
एक प्यारी सी रात है दोस्ती
खुशियों का रंग जो भर दे जीवन में
ऐसा खुशनुमा एहसास है दोस्ती
इस दुनिया में हर किसी की
असीम तलाश है दोस्ती।।— % &-
एक दिन मैं लिखूंगी तुम पर
सबसे सुंदर कविता,
जिसमें जिक्र होगा
तुम्हारी खूबसूरत आंखों का,
जिसमें विस्तार से वर्णन होगा
तुम्हारी मुस्कुराहट का;
जो मुझे साहस देती है हर मुश्किल समय में
कविता की पंक्तियों में लिखा जायेगा;
तुम्हारे झल्लाहट और खींझने को भी।
कि कैसे तुम बिगड़ जाते हो
और मानते नही हजारों जतन पर भी।
मैं लिखूंगी उस खूबसूरत कविता में,
कि तुमसे लड़ झगड़ कर ही सही
तुम में उलझे रहना ही प्रेम है।— % &-
तुमसे हम
ये तो पता नहीं
पर तेरे जैसा कोई और फिर मुझे मिला नही
मिले जो तुम , तो मुझे कुछ खास मिला
दोस्त के रूप में अटूट विश्वास मिला
चलता रहे यूंही अपना ये सिलसिला
आए ना कभी हमारे बीच शिकवा-गिला।— % &-
ज़िन्दगी के बस चार कदम
फिर छोड़ेंगे ना साथ कभी
चाहे कितने भी तू करले सितम।
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