अमृता इमरोज की पीठ परगोदा करती थी साहिर का नाम।तुम भी आकर एक दिन,बता जाना मेरे रक़ीब का नाम। - Shorit saxena
अमृता इमरोज की पीठ परगोदा करती थी साहिर का नाम।तुम भी आकर एक दिन,बता जाना मेरे रक़ीब का नाम।
- Shorit saxena