सबसे जानलेवा रोग...
"क्या कहेंगे लोग"-
तेरे हाथों में मेरा हाथ था
वो दिन भी बहुत खास था
दिल में एक अलग सी ही उलझन थी
इक नई डोर जो तुझसे जुड़ने को थी
वो पहली बार एक दूसरे से मिलना
चुपके चुपके से सबके बीच में एक दूसरे को देखना
जैसे किसी कोरे कागज पर
इक नई सी कहानी को लिखना
लाखों बातें थी जेहन में लेकिन
लफ्ज़ थे की खामोश थे
पर कहते हैं न की जोड़ियां
उपर से बनकर आती है और
सारी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है
ऐसा ही कुछ हमारे साथ भी हुआ
देखो न वो दिन भी आखिर आ ही गया
जब तुम्हारे नाम के साथ मेरा नाम जुड़ गया
आज तुम्हारे साथ बीत गए कितने लम्हे , मौसम और साल
पर इस दिल का आज भी है वही हाल
सामने तुझको पाकर मदहोश हुए जाते है
तुमको देख कर ही जीते है तुममें ही समा जाते हैं
उस रब का आज भी शुक्र मनाते है
तुमको पाकर खुद को बेहद खुशनसीब जो पाते है
बस यूं ही बना रहे तुम्हारा मेरा साथ
बस यही दुआ हर रोज़ रब से करते जाते हैं...
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बात ये है की, अब त्योहारों में वो पहले जैसी बात ना रही -2
पर...मसला ये है कि इन्हें फिर भी मनाना है...-
जो सबको संभालता है
अक्सर उसको संभालने वाले बेहद कम होते है...
🖤🖤🖤-
कुछ ख़्वाब तुमने तोड़ दिए...
और बाकी अब हमने देखने छोड़ दिए...💔-
मसला ये नही,की तुम्हे परवाह नही मेरी
मुद्दा ये है,की मुझे उम्मीद ही तुमसे क्यूं है...
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पापा....
एक बात कहनी थी आपसे
आप कहते थे न की जाने कब बड़ी होगी तू
तो लो आपकी ये गुडिया अब आखिरकार बड़ी हो ही गई है....
एक चूहे से डर कर सारा घर सर पे उठाने वाली
आज लोगों के ताने सुनकर अकेले में रोना सिख गई है
आप कहते थे न की जाने कब बड़ी होगी तू
तो लो आपकी ये गुडिया अब आखिरकार बड़ी हो ही गई है....
इक छोटी सी चोट लग जाने पर भी सारे घर में शोर मचाने वाली
आज जल जाने_कट जाने पर भी खामोश हो गई है
आप कहते थे न की जाने कब बड़ी होगी तू
तो लो आपकी ये गुडिया अब आखिरकार बड़ी हो ही गई है....
एक चीज खो जाने पर पूरे घर पर चिल्लाने वाली
आज बेवजह_बिना बात के ही हर बात के लिए गुनहगार हो गई है
आप कहते थे न की जाने कब बड़ी होगी तू
तो लो आपकी ये गुडिया अब आखिरकार बड़ी हो ही गई है....आपकी ये गुडिया सच में बड़ी हो ही गई है
😔😔-
चोट अगर जुबां पे लगे तो एक न एक दिन ठीक हो हि जाती है
पर चोट अगर जुबां से लगे तो कभी ठीक नही होती
उसके निसां तो रह ही जाते हैं-
जिंदगी खूबसूरत बहुत हि खूबसूरत है मगर,
सिर्फ तबतक जबतक मैं तेरी और तू सिर्फ मेरा है
❤️❤️-
पापा, आपकी ही बगिया में मैं इक कली बनकर खिली हूँ,
तितली बन आसमां में हमेशा ही बेफिक्र सी उड़ी हूँ,
मेरी उस उड़ान को अब आप यूं शर्मिंदा ना कीजिए,
हजारों तकलीफें उठा के, सब कुछ अपना गवा के मुझे विदा ना कीजिए...मुझे विदा ना कीजिए-