जब लगने लगे बोझ ,
मैं और मेरी दोस्ती ,
धीरे से कहकर मुझको ,
चुपचाप सरक जाना ,
न ठेस लगे तुमको ,
न चोट लगे मुझको ,
बस इतना सा हक दोस्ती का ,
अदा करके चले जाना ।।- Shobhna Goyal
10 SEP 2020 AT 1:15
जब लगने लगे बोझ ,
मैं और मेरी दोस्ती ,
धीरे से कहकर मुझको ,
चुपचाप सरक जाना ,
न ठेस लगे तुमको ,
न चोट लगे मुझको ,
बस इतना सा हक दोस्ती का ,
अदा करके चले जाना ।।- Shobhna Goyal