जब लगने लगे बोझ ,मैं और मेरी दोस्ती , धीरे से कहकर मुझको , चुपचाप सरक जाना ,न ठेस लगे तुमको ,न चोट लगे मुझको , बस इतना सा हक दोस्ती का , अदा करके चले जाना ।। - Shobhna Goyal
जब लगने लगे बोझ ,मैं और मेरी दोस्ती , धीरे से कहकर मुझको , चुपचाप सरक जाना ,न ठेस लगे तुमको ,न चोट लगे मुझको , बस इतना सा हक दोस्ती का , अदा करके चले जाना ।।
- Shobhna Goyal