करके अभिव्यक्ति,
अपनी भावनाओं की ,
बहुत पछता रहे हैं हम ,
कह बैठे उसे दिल की बात ,
जो उसके लायक ही नहीं था ।
गर होता , तो इतना बेक़द्र न होता ।।-
कुछ भी तो नहीं ,
जो था ,वो बह गया ,
समय की रवानी के साथ ,
सिर्फ यादें हैं शेष ,
और कुछ भी तो नहीं ।।-
ख़्वाहिशें वो पिंजरा है ,
जिसमें कैद भी ख्वाहिशें हैं ,
इस पिंजरे से रिहाई भी ,
ख्वाहिशों की मौत है-
यूँ ही गुजर रही है जिंदगी ,
न जाने किसका इंतज़ार है ,
न जाने कब आएगी जीवन की शाम,
अभी तो बस सहर गुजरी है ।।
शोभना गोयल-
यूँ तो प्यारी हैं , सभी भाषाएँ अपनी ,
पर मातृभाषा हिंदी की बात सबसे निराली ।
एकता के सूत्र में बाँधे रखा जिसने देश को,
सीधी है , सरल है , प्रिय है यह भाषा भाषी को ।
💐 हिंदी दिवस की शुभकामनाएं 💐
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अपनी हर भूल से ,
कुछ सीखते सिखाते रहे ,
यूँ ही जीवन के दिन ,
गुजरते गए ।
जाने कब मिट जाए ,
जीवन की स्लेट से
ये सीखा हुआ सबक ।।-
अब छोड़ो विचलित करना ,
मुझे मेरे ध्येय पथ से ,
क्यों बोते हो हरदम ,
संदेह के बीज मेरे मानस में ,
हाँ , है मुझमें क्षमता ,दक्षता ,
कि पा सकूँ मैं अपनी मंजिल ,
पूरे कर सकूँ मैं अपने लक्ष्य ,
तुम जाओ , मत रोको मेरी राह ,
मुझे चाहिए आत्मविश्वास अपना हमराह ।।
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मुझे रोकते क्यूँ हो ,
मुझे टोकते क्यूँ हो ,
कह लेने दो ना ,
मुझे आज मन की बात ।
वक्त कम है ,बात लंबी है ,
कहीं ऐसा न हो कि
फ़ना हो जाये मेरी बात ,
मेरे साथ साथ ।।-
तुम्हारी मुस्कुराहट
भुला देती है मेरा हर गम ,
तूझे देख मुस्कुराता ,
मेरा अकेलापन खो जाता ,
मेरी हर तकलीफ ,हर शिकवा ,
हवा हो जाता ।
तेरी मुस्कान ,देती है मुझे जिंदगी ,
ऐ मेरी जिंदगी !
तू सदा यूँ ही मुस्कराते रहना ।।-
यादों के साये में जीना ,
है जीते जीते मरना ,
इससे तो अच्छा है ,
जीवन की वास्तविकता की ,
खुली तपती धूप में जलना ।
यादों के घनेरे सायों में ,
ज्यादा तपन है हकीकत की धूप से।।,-