तुम्हारी आरजू में बैठे
खुद को खोकर,
अपने आप से ही
बातें करते हैं...
कैसें जज्बात बयाँ करे
इस दिल के,
जानते है हद हमारी
बस तुम्हारे ख्वाँब तक ही है...
प्यार के एहसास
शब्द ना कहें पाते,
पर दिल में खामोशियाँ
सौं अफसानें सुना देती हैं...
और..जो बातें
लब ना कह पाते,
वो हजार बाते गुस्ताँख
निगाहे कर देती हैं...
तह-ए-दिल सें
आरजू करता है बदतमिज दिल,
ये एक ख्वाँब ना होकर
हकीकत बन जाए....
शोभा मानवटकर....
- Shobha Bapurao Manwatkar
24 APR 2020 AT 13:26