24 APR 2020 AT 13:26

तुम्हारी आरजू में बैठे
​खुद को खोकर,
​अपने आप से ही
​बातें करते हैं...
​कैसें जज्बात बयाँ करे
​इस दिल के,
​जानते है हद हमारी
​बस तुम्हारे ख्वाँब तक ही है...
​प्यार के एहसास
​शब्द ना कहें पाते,
​पर दिल में खामोशियाँ
​सौं अफसानें सुना देती हैं...
​और..जो बातें
​लब ना कह पाते,
​वो हजार बाते गुस्ताँख
​निगाहे कर देती हैं...
​तह-ए-दिल सें
​आरजू करता है बदतमिज दिल,
​ये एक ख्वाँब ना होकर
​हकीकत बन जाए....

​ शोभा मानवटकर....

- Shobha Bapurao Manwatkar