24 JUL 2020 AT 12:42

सोचा था दिल की कलम सें
​मोहब्बत के अफसाने लिखेंगें...
​लेकीन दिल तो बच्चा हैं ना
​उसे पता ही नहीं कीं अब तक..
​वो सियाहीं बनीं हीं नहीं जिससें
​मोहब्बत के फसानें मुकम्मल होते हैं..

​ शोभा मानवटकर...

- Shobha Bapurao Manwatkar