सभी ने परख लिया है हमें
अपनी अपनी सहूलियत से,
ऐं जिंदगी तू इतनी पत्थर दिल है की,
हमारे सीनें में वो एहसास तो दिए
लेकीन परखने वाला दिल देना
शायद तू भूल ही गयी...
ताकी हम भी किसी को,
इंतेहा की हद तक आजमाते
और तुझसे रूबरू होते...
शोभा मानवटकर..- Shobha Bapurao Manwatkar
5 APR 2019 AT 23:14