क्या करे...तू बता
तेरे दिल पर नये पुराने
जो जख्म लगें हैं
उन जख्मों को कहीं दूर
बहाकर लें जायें ताकी
कोई गम तुम तक ना पहूँच पायें..
क्या करें...तू बता
दुनियादारी कीं धूप सें
बचानें के लिए आँचल की
छाँव तो कर दे, लेकीन
आँचल भी सोच में है
की फटे हूए छोटे दरार में सें
धूप आकर कहीं तुम्हें छूँ ना लें...
शोभा मानवटकर...
- Shobha Bapurao Manwatkar
23 JUL 2020 AT 23:33