"बेटियों के लिए भी हाथ उठाओ दोस्त,
सिर्फ भगवान से बेटा नहीं मांगा करते !!"
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रूह 👻से जान निकल जाती है तेर... read more
तिजोरी में पड़ी हुई लक्ष्मी इंसान को बहुत
अच्छी लगती है....!
तो फिर औरत के पेट में पल रही लक्ष्मी से
इतनी नफ़रत क्यों
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झख्म इतना गहरा है की इजहार क्या करे,
हम खुद निशान बन गए वार क्या करे,
मर गए हम मगर खुली रही आँखें,
अब इससे ज्यादा उनका इन्तजार क्या करे !!
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जब भी मुझे लगता है मेरे पास कुछ नही है..,,
तब गाँव के बाहर झोपड़ी मे रह रहे बच्चों को देख आता हूं..!!
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नदी को सागर से मिलने से ना रोको,
बारिस की बूंदों को धरती से मिलने से ना रोको,
जिन्दा रहने के लिए तुमको देखना जरुरी है,
मुझे तुम्हारा दीदार करने से ना रोको।।।।।।।-
"किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी;
हमारी चीज़ थी हमने जहां जानी वहां रख दी;
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो;
ज़रा सी चीज़ थी हमने जाने कहाँ रख दी!
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चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद कर ले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे
देशभक्तो के खून की वो धारा याद कर ले।
🇮🇳स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..🇮🇳
🇮🇳🌹🇮🇳🌹🇮🇳-
"चैन मिल जाए.....
कम नहीं मेरी ज़िन्दगी के लिए;
चैन मिल जाए दो घडी के लिए;
दिले-ज़ार कौन है तेरा;
क्यों तड़पता है यूं किसी के लिए;
चैन मिल जाए...
कितने सामान कर लिए पैदा;
इतनी छोटी सी ज़िन्दगी के लिए;
चैन मिल जाए....
ऐसा फ़ैयाज़ ग़म ने घेरा है;
लब तरस ही गए हंसी के लिए;
चैन मिल जाए....
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सांस रुक जाए मगर आंखें कभी बंद न हो
मौत आए भी तो तुझे देखने की जिद खत्म न हो
दर्द उठता है तो बस ये ही दुआ करता हूं
तेरे दिल में मेरे खातिर कोई भी जख्म न हो
जिन चिरागों को जलाने के लिए आग नहीं
उनकी लाशों पर कभी जुगनुओं का जश्न न हो
जिंदगी तुमसे मेरा खून का रिश्ता है मगर
फिर से मेरा ऐसे रिश्तों में कभी जन्म न हो
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