सतसमागम ,वनवास तो निमित्त मात्र है रुचि और समता तो अपनी चाहिए।।
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शुद्ध भोजन जहां तैयार हो
उसे 'चौका' कहते हैं।
जिसमें निम्नलिखित चार गुण होते है
1. जो न्यायपूर्वक कमाया गया हो,
2. यत्नाचारपूर्वक बनाया गया हो,
3. वात्सल्यपूर्वक खिलाया गया हो,
4. अनासक्तिपूर्वक खाया गया हो।-
जिनधर्म से हैं प्रेम तो बस भावना ये भाइये ☺️
देह जाए तो भले , जिनधर्म रहना चाहिए🙏
जिनमार्ग की हो प्रभावना , जिन ध्वजा यू लहराये 🏳️🌈
देह जाए तो भले , जिनधर्म रहना चाहिए 🚩-
अनपढ़ रह जाने में कोई दिक्कत नहीं तिर जाओगे
(उदाहरण:- शिवभूति मुनि)
लेकिन गलत पढ़ जाने पर बहुत दिक्कत है,
अनन्त भव खराब हो जायेगें
विश्वास न हो तो, मारीचि के जीव को देख लो।-
कल 9 सितंबर ,दिन शुक्रवार को
पावन- पर्व अनन्त चतुर्दशी के मंगल पुनीत दिवस पर साथ ही गणेश विसर्जन के अवसर पर कल का अवकाश है आप सभी मंगलमय पावन पर्व की आराधना- साधना करे
ऐसी मंगल भावना.
*प्रीति पब्लिक स्कूल अभाना*
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जिस प्रकार टेड़े म्यान में सीधी तलवार प्रवेश नहीं करती उसी प्रकार वक्र परिणामी के हृदय में जिनेन्द्र का आर्जव रूप सरल धर्म प्रवेश नहीं करता है।-
कर्तृत्व बुद्धि से बचने के लिए
तीन बातों का विचार करें--
1. परिणमन योग्यता के अनुसार होता है।
2. योग्यता बनाई नहीं जा सकती ।
3. योग्यता बदली भी नहीं जा सकती ।-
हे आत्मा ! तू दुःख से बहुत डरता है सुख को सर्व प्रकार से चाहता है; इसलिए मैं भी दुःख दूर करने वाले और सुख उत्पन्न करने वाले वाञ्छित अर्थ का उपदेश करता हूँ ।
भावार्थ :- कुछ लोग इस भय से शास्त्र का अनादर करते हैं (अर्थात् उनका अध्ययन नहीं करते) कि श्री गुरु हमें सुख छोड़कर कष्ट साधन का उपदेश देंगे, परन्तु ऐसा भय करके (तू) शास्त्र का अनादर मत कर । तेरा अभिप्राय दुःख दूर करने का और सुख प्राप्त करने का है; उसी प्रयोजन से हम तुझे ( सुखी होने के ) सच्चे उपाय का उपदेश देते हैं ।-
कष्ट अन्य के देखता, पर अपनी सुध नाहिं ।
तह पर बैठा नर कहे, हिरन जले वन मांहि ॥-