Shiwani Jain  
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Joined 30 April 2018


Joined 30 April 2018
11 JAN 2024 AT 10:00

मैं खुशी लिखूं तुम...तुम्हारी मुस्कुरात समझना
मैं सुकून लिखूं तुम...तुम्हारी बाहों में समझना
मैं हर पल लिखूं तुम...तुम्हारा ख्याल समझना
मैं शाम लिखूं तुम...मेरा इंतजार समझना
मैं दर्द लिखूं तुम... तुमसे दूरी समझना
मैं इश्क लिखूं तुम...बेइंतहा समझना
मैं वादा लिखूं तुम...हमेशा साथ समझना
मैं कविता लिखूं तुम...मेरा पैगाम समझना
मैं कुछ न कहूं तुम...हर बात समझना ❤️

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28 DEC 2023 AT 19:52

अब हम साथ क्यों नहीं.....
न जाने हमारे रिश्ते में वो बात नही,
होती है बातें तुमसे कभी कभी, पर हमारे बीच वो खास बात नही,,
अब हम साथ क्यों नहीं....
रूठ जाती हू मै,अब तुम मनाते नही,
पहले की तरह सुबह सुबह जगाते भी नही।।
हमरी परवाह तो दूर, तुम्हे हमारे होने का एहसास तक नही,
न जाने अब हम साथ क्यों नहीं....
घंटो तक तेरी तस्वीर निहारते है,
तेरे साथ बिताए लमोह को ख्वाबों में सवारते है।
चलो मान लेते है अब हम साथ नही
क्या तुम्हे किए गए वादे भी याद नहीं..
हा अब हम साथ नहीं...
हमरी अधूरी कहानी की तरह
ये कविता भी अधूरी रहेगी....
Incomplete..

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17 OCT 2023 AT 0:46

मेरी हर छोटी सी मुस्कान की वजह ही तुम होते ,,
मेरे चहरे का नूर तुम होते।
काश तुम मेरे होते।।
सुबह की गर्म चाय होती,
और हम साथ साथ आने वाली सर्द को महसूस करते।
काश तुम मेरे होते ।।
बिताए हुए लम्हों का जिक्र हम करते,
पल में खुश तो पल में अपनी आंख नम करते।
काश तुम मेरे होते।।
चांद को देख हम रात भर बात करते,
सितारों से ही अपना आशियां सजाते।
काश तुम मेरे होते।।
कही में रूठ जाती ,कही तुम गुस्सा हो जाते,
में तुम्हे मानती, कही तुम मुझे मनाते।
काश तुम मेरे होते ।।
हमारी जिंदगी का हर पल साथ बिताते,
मेरी जीने की वजह तुम बन जाते।।
और काश तुम मेरे हो जाते।।

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13 OCT 2023 AT 1:35

बातें रह जाती है
समय बीत जाता है
कम्बक्त ये यादों का पिटारा ,ना जानें अक्सर रात के अंधेरे में खुल जाता है ।।

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26 SEP 2023 AT 23:55

Day 9
उत्तम अकिंचन धर्म
अपने द्वारा किया हुआ संग्रह वस्तु,धन, वस्त्र आदि का त्याग करना,मन के परिग्रह का त्यागना ही उत्तम
अकिंचन धर्म है ।।

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26 SEP 2023 AT 0:07

Day 8
उत्तम त्याग धर्म
दान करना ही एक प्रकार का त्याग धर्म है।
लेकिन दान किया जाता है किसी उपदेश के लिए और त्याग किया जाता है संयम के लिए।
त्याग होता है कषायो का, मोह राग द्वेष का, अहंकार का। त्याग करने से बल मिलता है। मोक्ष मार्ग की वृद्धि होती है।

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25 SEP 2023 AT 0:18

DAY 7
उत्तम तप धर्म
इच्छाओं को निरोध/अभाव नाश करना तप है।
आत्म कल्याण के लिए किए जाने वाली तपस्या उत्तम तप धर्म कहलाता हैं।

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24 SEP 2023 AT 0:15

DAY 6
उत्तम संयम धर्म
उत्तम संयम धर्म अर्थात् अपनी इंद्रियों को वश में करना है।
सभी जीवो की रक्षा करना तथा पांच इंद्रियों व मन को नियंत्रण में रखना या रखने के भाव होना ही उत्तम संयम धर्म है।
जिस ने संयम को धारण कर लिए उसे
तप की पहेली सीढ़ी कहा है।

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23 SEP 2023 AT 0:32

सत्य छुपाए न छुपे
सत्य की महक रुक्य न रुके
एक वक्त ऐसा आता है
झूठ, फरेब,लोभ, क्रोध का नाश कर
समय सत्य की जीत की गूंज चारो ओर फैलता है।

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22 SEP 2023 AT 0:32

DAY 4
उत्तम शौच धर्म
उत्तर शौच धर्म अर्थात् पवित्रता,
शौच धर्म का प्रयोजन तो आत्मा को पवित्र करने से है।
ये आत्मा लोभ रूपी मल से मलिन हो रखी है, उसे पवित्र करना तथा करने का भाव आना ही शौच धर्म है।

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