प्रेम,
इस क्षण की सुंदरता है-
▪poet
ज़मीर से जब खून के छीटें धोने लगे वो
देके ज़ख़्म अफसोस में रोने लगे वो
मैंने चाहा था चाहे मुझे वो
खा गयी दुआ मेरी मुझी को-
हिज़्र की आग से बचा न कोई मीर पिया
अब मैं तुझे मिल भी जाऊँ तो क्या
अब मैं तुझ पे मिट भी जाऊँ तो क्या
अब तो दर्द ने भी अपने दर से बेदखल कर दिया
अब ज़ख़्म भर भी जाएँ तो क्या
अब हम बच भी जाएँ तो क्या
हाय,
पहले उसने पीर बनाई
फ़िर पत्थर काट के मीर बनाए
वस्ल में बनाई उसने दुनिया
फ़िर हिज़्र में उसको खाक बनाए-
सफ़र में चलते हुए सोचता हूँ
उन वालिदों पे क्या गुजरती होगी
जिनके बच्चे मुसाफ़िर हो जाते हैं
मैं वो दरिया हूँ जो तेरी आग में भाप हो गया
मैं वो बंजर बियाबाँ हूँ जो पेड़ उगाना भूल जाते हैं
शायद तूने अब तक जाना ही नहीं
मोहब्बत सुबह लाती है हुस्न तो ढल जाते हैं
मेरे हमनफ़स तू दायरा है मेरी सांसों का
हम तुझसे दूर जाते हैं तो मर जाते हैं
इस बदलते ज़माने की कश्मकश से हैरान हूँ
मोहब्बत बचा कर रख रिश्ते तो टूट जाते हैं-
चारा-साजों की चारा-साज़ी का भी क्या
जब घाव भरने के बाद दाग रह जाए
नाउम्मीदी मेरी पिघल कर सीने में भर न जाए
तेरे होने का भ्रम कंही मर न जाए
एक आह संग चलती है अब दिल के
दुआ कर ये मुसाफ़िर कभी घर न जाए-
हसरतों के बाज़ार में नींदें बेची जा रही हैं
ख़ाक कर ख्वाबों को रोशन ज़िंदगी की जा रही है
दुनिया भी दस्तूर कुछ ऐसे बदलती जा रही है
दिलों को छोटा और घरों को बड़ा करती जा रही है
नई सोच सलीका जीने का उनको सिखा रही है
सपने दूर कंही जो तुम्हारे खातिर जला के आ रही हैं
कुदरत का कहर सहें दो पहर,
समाज की सोच भी इनको खा रही है
दे इनको होंसलों के पंख तू,
हिस्से में इनके भी अनन्त गगन की उड़ान आ रही है-
जो बांधे हैं तुझको वो गहने सब पिघला दूंगा
फ़िर तेरी आज़ादी का कर्ज़ उतारुँगा
समाज के संदूक में काट के जो रख दिये
रिवाज़ों के तयखाने से मैं वो तेरे पंख निकालूँगा
तेरे लिए चाँद ज़मी पर बाद में उतारूँगा
सबसे पहले मैं तेरे घूँघट का भार उतारूँगा-
कहानियों में,
राजा लिखे गए सशक्त और शक्तिशाली
रानियाँ लिखीं गयीं मूकदर्शक या उत्तराधिकारी जनने वाली
जब राजा-रानी की मैं कहानी लिखूँगा
"माँ" मैं तुम्हें अपनी कहानी का राजा लिखूँगा-
मिट्टी की खुशबू,नीम,ताल
खेतों की हरियाली उसे शहर ले जानी है
विडंबना देखो,
उसे नदियों की कहानी
रेगिस्तान को सुनानी है
शहर की भीड़ में
बीहड़ की वीरानी मिलने वाली है
हंसी मजाक की बातें यहीं खत्म हुई
आगे की कहानी रुलाने वाली है-