खेल शतरंज का हो या जिंदगी का, रानी पर भरोसा कभी मत करना ,
रानी के जाते ही खेल कमजोर हो जाता है और हार निश्चित हो जाती है ।
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कभी बिना मौसम के बरसात भी अच्छे लगते हैं,
कभी पुराने कुछ याद भी अच्छे लगते है ।
वक्त के साथ इंसान यूं ही नहीं बदलता,
कभी तन्हा हर रात भी अच्छे लगते हैं ।
किसी का साथ उम्र भर हो यह जरूरी तो नहीं,
कभी कुछ बंद पन्ने जिंदगी के अच्छे लगते हैं ।
कुछ बात को समझाना आता नही हमें,
जिंदगी के कुछ अल्फाज़ अधूरे ही अच्छे लगते हैं ।
साथ में कुछ कहे बिना मतलब समझ लो यह प्यार है,
आखरी बार तुमने कब हंस कर बात की तुम्हे कहां याद है ।
आखों को तुम्हारा जब इंतजार था तुम पास नहीं थे,
कैसे समझाऊं वो दर्द तुम्हे मेरा प्यार भी कहां याद है ।
कुछ बात अधूरे हों तो ही अच्छे लगते हैं,
कुछ जज़्बात अधूरे हों तो ही अच्छे लगते हैं,
हर बात को अल्फाज़ से समझाया नही जा सकता,
कुछ अल्फाज़ अधूरे ही अच्छे लगते हैं ।
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डोर है पतली भरोसे की टूटने मत देना,
जो जान से ज्यादा चाहता हो तुम्हे उसे रूठने मत देना ।
टूटे अगर धागे तो संभाल ना पाओगे,
तन्हा से इस दुनिया में अकेले ही रह जाओगे ।
जुड़ तो जाएगी वापस से डोर पर गांठ पड़ जायेगी,
याद हर दिन हर पल तुम्हे जिंदगी भर सताएगी ।
खामोश होकर जो सुनता हो हर बात तुम्हारी,
रखता हो संभालकर हर एक याद तुम्हारी ।
उसे दो राहों पे अकेले कभी मत छोड़ना,
जो इज्जत करे तुम्हारी उससे कभी मुंह मत मोड़ना ।
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खोना तो नही चाहते थे तुम्हे,
पर हालात बेकाबू थे ।
तुम्हे पाना जिद थी मेरी,
पर बिखरती हुई मोहब्बत संभाल ना सके हम ।
जिंदगी के जुए में तुमने हमारे दिल में घुसकर मात दे दी ,
अंदर की इस बेबसी को किसी को दिखा ना सके हम ।
क्यों दो राह पे खड़े होते हैं जब फैसला मुश्किल होता है,
छोटी सी जिंदगी में क्यों अक्सर इंसान बेबस बना होता है।
कभी कभी लगता है एक दिल पूरी जिंदगी पे भारी है,
पता नही क्यों अक्सर लगता है यह जिंदगी सिर्फ तुम्हारी है।
वक्त का आलम ऐसा है की तुमको याद हमारी नही आती,
पर इस जहां में मुझे तुझसे खूबसूरत कोई और नजर नहीं आती ।
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यूं तो किस्से तुम्हारे बेवफाई के हर जगह मशहूर हैं,
तुम मोहब्बत भी करो तो लोग बेवफा बेवफा चिल्लाते हैं,
तुम्हे हर जगह बेवफाई की मूरत कहकर बुलाते हैं ।
हम तो शरीफ थे मोहतरमा सच्ची मोहब्बत में मगरुर थे,
सोचा ना था तुम इतनी जल्दी बदल जाओगे,
दिल को तोड़कर तुम हमेशा के लिए दूर चले जाओगे।
अपनी मोहब्बत को बदनाम करके तुमने क्या पा लिया,
मेरे पास खोने को सिर्फ तुम थे,
और तुमने किसी गैर को अपना बना लिया।
हमें अब भी फिक्र है तुम्हारी,
कहीं दिल पे चोट ना खा लेना,
कोई छोड़ दे तुम्हे बीच राहों पर,
ऐसे इंसान से दिल मत लगा लेना ।
हम तो गैर होकर भी इंसानियत दिल में रखते हैं,
किसी और के करीब जाकर भी तुम्हे भुला नहीं सकते हैं ।
अब तो जान ही बची है तुम्हे खोने के बाद,
खुद को संभाला है हर रोज अकेले में रोने के बाद ।
दुबारा कभी नजरें ना मिला लेना हमसे राहों में,
तुम्हे नही देख पाएंगे हम किसी गैर की बाहों में ।
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अपनी हर बात से मुकर गए तुम,
पुरानी हर याद से मुकर गए तुम ।
जब देखा वक्त बुरा चल रहा है मेरा,
अपने किए हर वादे से मुकर गए तुम ।
जिंदगी की एक सच्चाई से वाकिफ हुआ मैं,
कसमें वादे सब दिखावे है यह जान गया मैं ।
खैर तुम्हे समझने में भूल हुई हमसे,
नजरें चुराते हो ऐसे जैसे कोई गुनाह किया हो हमने ।
अपने एहसास को दबाए दिल में कई साल बीत गए,
तुम्हे एहसास नहीं इस दर्द का,तुम यह बाजी भी जीत गए ।
अब जो बचा है मुझ में वो खुद में अधूरा है,
लगता है मेरा दिल ना जाने कैसे मुझसे ही जुदा है ।
जिन रास्तों पर चला हूं वो तो एक झांकी है,
दिल की लड़ाई में अकेला हूं,
आगे पूरी जिंदगी अभी बाकी है ।
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हां जानता हूं जान बचाने को घर पे रहना जरूरी है,
घर में पैसों से भरी बोरी नहीं रखी हमने,
दो वक्त का खाना जरूरी है ।
घर चलाता हूं साहब मेरा बाहर जाना भी जरूरी है,
घर पे बूढ़ा बाप खाट पे लेटा है साहब, उसका देखभाल भी जरूरी है ।
जान पर खेलकर हम पैसे कमाते हैं, भूखे सो जाते हैं पर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाते हैं ।
अपनों को खो चुके हैं पर अपने जान की बाज़ी हम हर रोज़ लगाते हैं,
खुद भुखे सो जाते हैं जनाब,
पर चार लोगों को खाना हर रोज़ खिलाते हैं ।
दिल बेचैन है आगे क्या होगा ,
हर रोज़ ना जाने किसका परिवार भूख से मर रहा होगा ।
नहीं जानता आगे कब तक जिंदा रहूंगा,
पर अपने परिवार की हिफ़ाज़त जान देकर भी करूंगा ।
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तेरी खुशी किसमे है यह बता दे,
कभी तो मुझे अपना समझ कर हक़ जता दे ।
यूं बेखबर होके मुझे सताना छोड़ दे,
तू मेरी जिंदगी है यह मुझे बताना छोड़ दे ।
हक है तेरा मुझपे यह जताना छोड़ दे ।
जी तो रहा हूं जिंदगी मुझे अपने हाल पर छोड़ दे ,
मेरी मौत की दुआ मांगने वाले मुझे सताना छोड़ दे ।
तड़पने को तेरी याद के सहारे मुझे अकेला छोड़ दे,
तुझे मेरी याद नहीं आती बार बार यह बताना छोड़ दे ।
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चेहरे पे झुर्रियां यूं ही नहीं आती बेटे,
खून जलाना पड़ता है ।
फटे कपड़ों से हमारी औकाद मत नाप लेना,
अपने लिए ना सही बच्चों के लिए नया कपड़ा लाना पड़ता है ।
फटे चप्पल है कई अरसो से तो गरीब मत समझ लेना बेटे,
कहीं तुझे चलते हुए कांटे ना चुभे इसलिए नया चप्पल लाना पड़ता है ।
खुद के घर में अंधेरा है तो हमें उजाले कि जरुरत नहीं, ऐसा मत समझ लेना बेटे।
तेरे घर में रोशनी हो इसलिए हमें अंधेरे में रहना पड़ता है ।
हमें भूख नहीं है कहता हूं जब तो यह मत समझ लेना बेटे की हमें भूखे रहने कि आदत है,
एक वक्त का खाना नहीं खाते हम क्यूं की तुझे दो वक्त का खाना खिलाते हैं ।
आज तू कहता है पापा आपने किया है क्या है मेरे लिए तो आंखों में आसूं आते हैं,
जिन कंधो पर तुझे दुनिया दिखाया आज वही तुझे गले लगाने को तरसते हैं।
तू इतना बड़ा हो गया बेटे की तेरी याद में
बिन मौसम के आंसू बारिश की तरह बरसते हैं ।
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तुमने कहा मैं ज़रा ज़िद्दी हूं,
तो चलो एक शायरी से ज़िद्दी होना गुनाह है यह भी मान लेता हूं ।
तू रूठी जब हर छोटी बात पे,
मैंने तुझे मानना चाहा अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
गुस्से में जब तुमने मुझे नासमझ कहा,
और मैंने तुम्हे समझना चाहा अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
जब भी कोई तुम्हे प्यार भरे नज़रों से देखता है,
तो मुझे जलन होती है अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
गुस्से में जब तू कहती है दूर चला जा मेरी नज़रों से,
मैं वहीं मासूम सा तेरे इंतज़ार में खड़ा रहता हूं अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
सड़क पे तेरा हाथ पकड़ कर चलता हूं क्यूं की तुझे खुद के पास रखना चाहता हूं,अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
तेरे लिए अपनी सांसों को भी लुटा दूं क्यूं की तुझे खोने से डरता हूं,अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
एक एक पल तेरी याद में तड़पता हूं अगर यह ज़िद है तो हां मैं ज़िद्दी हूं ।
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