अनपढ़ और गंवारों से उनके संकीर्ण विचारों से,
मैंने देखा है लड़ते ईमानदारों को भ्रष्ट अधिकारियों से,
जो भ्रष्टाचार बढ़ाए है बस कुर्सी को गरमाएं है,
कुछ खास लोगों ने उनके लिए नित नए फरमान लाए है,
वो अपने कर्म को भूल रहे और सत्ता के आसन में झूल रहे,
परंतु सच सच होता है ये अपनी अंतरात्मा से भूल रहे,
होंगा किसी ना किसी दिन उनके साथ भी वैसा,
लोगों को गंभीर ज़ख़्म दिया है उन्होंने जैसा,
तिनके भर भी सच्चाई का गला घोट वो जाते है,
झूठ को सच बताकर वो लोगों को दबाते है,
लोगों की परेशानी पर थोड़ा भी शिकन नहीं है,
और वो खुद को एक सच्चा अधिकारी बतलाते है।
/शिवम्-
आसान नहीं है एक पिता बन पाना
मेहनत मजदूरी कर कमा कर लाना
मुश्किलों में खुद को मजबूत दिखाना
परिवार के खातिर दूसरों से लड़ जाना
सीखा है उन्होंने विपत्ति में भी मुस्कुराना
स्वयं के साथ औरों को भी हंसाना
जानते है वो हर चीज़ में संतुलन बिठाना
आसान नहीं होता है एक पिता बन पाना
बेटी के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर जाना
उसकी विदाई में भी आंख में आंसू होते हुए मुस्कुराना
बेटे को ग़लती करने पर फटकार लगाना
और उसके बाद उनको हंसाकर मनाना
जताते नहीं है कितना मुश्किल है पैसा कमाना
आसान नहीं होता एक पिता बन पाना
खपा कर अपनी जवानी, और सब-कुछ सह जाना
हर हालत में अपने परिवार के लिए सब-कुछ कर जाना
ये संसार जब सारा, गिराने की फि़रात में रहेगा
तब सिर्फ़ पिता ही आपके साथ खड़ा रहेगा
पिता है जो बाज़ार से खिलौने लेकर आते है
नन्हें से परिंदे के लिए एक आसमान बनाते है
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आखिर कब तक हर क्षेत्र में, गलती स्त्रियों की तलाशोगे
कब तक झूठे पुरुषत्व व सौम्यता का बोझ लिए भागोगे
कहीं प्रेमी कहीं मित्र तो कहीं उसका अपना ही अपराधी है
आखिर वो किस पर भरोसा करे, यहां हर तरफ़ बैठा दुराचारी है
वो ग़लत करने के बाद भी, अपनी गलती पर सफा़ई देता है
कभी दोष श्रृंगार को, तो कभी चरित्र गलत बता देता है
जरूरी है कि अब यह समाज, अपने अंतर्मन में झांककर देखें
बहुत कमियाँ ढूढ़ ली स्त्रियों में, अब खुद के विकारों को निकाल फेंके
अपराध के प्रति चयनात्मक न हो, हम समान संवेदना रखे
ग़लत दिल्ली में हो या फिर बालाघाट में, कोई भेद न रखें
मिलेंगी सज़ा उन दुराचारियों को, कानून पर विश्वास रखें
फैलाइए समाज में जागरूकता, आशा की अलख रखें
/शिवम्-
आज के इस आधुनिक युग का संसार बहुत निराला है
औरतों को लेकर उसने अनेकों प्रकार के वहम पाला है
कभी लगता है कि सबकुछ हमें अपने अनुकूल बनाना है
और आप चिंता ना करें अभी कुछ नया कर दिखाना है
जिस औरत ने दिया था संकट में सदैव पुरूषों का साथ
उस औरत को समाज ने अंतिम पंक्ति में बिठाला है
फिर एक नयी आशा कि किरण संभाल कर ले आना है
निराशा के बादल को आशा में परिणित कर बतलाना है
थोड़ा सा डर स्वाभाविक है सभी को कर्मशील बनाना है
पर विचलित जो आपको कर दे, इतना भी ना घबराना है
पुरूषों ने जब जब महसूस किया स्वयं को संकट स्थिति में
तो औरतों ने उन्हें अनेकों संकट की स्थिति से निकाला है
परंतु बदलना होंगा हमें महिलाओं को लेकर नज़रिया
वो साधारण महिला नहीं आग की धधकती ज्वाला है
संदेह जिन्हें है आपकी क्षमता पर, जिन्होंने आपको नकारा है
उनको अब मेहनत से अपनी एहसास आपको कराना है।
/शिवम् रामटेक्कर
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देश हित में हो देशभक्त को ही मत
यहां जाने की समर्थता बहुत जरूरी है
मताधिकार के प्रति देश के हर नागरिक
की जागरूकता/सज़गता बहुत ज़रूरी है
सत्य और ग़लत की पहचान करने में
व्यक्ति के मत की सार्थकता बहुत ज़रूरी है
पक्ष और विपक्ष में हो सार्थक बहस
इस लोकतंत्र की यही खूबसूरती है
सत्ता पक्ष को हो बहुमत परंतु
विपक्ष की सशक्तता जरूरी है
मतभेद हो सकता है विचारों का
लेकिन मन में कोई भेद नहीं है
मत ही है आपकी शक्ति और अभिव्यक्ति
अपने इस कर्तव्य को निभाना जरूरी है
अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए
आपका एक मत बहुत ज़रूरी है
-शिवम् रामटेक्कर
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अपने व्यवहार और व्यक्तित्व में सुंदरता रखिए हर कोई आपके चेहरे और शारीरिक सुंदरता पर नहीं मरता!!!✍🏻💯❤️✨🙌🏻
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सफ़लता एक सार्वजनिक उत्सव होता है जबकि उस सफ़लता के लिए संघर्ष व्यक्तिक होता है!!!✍🏻💯❤️✨
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इस दुनिया में सबसे कठिन कार्य है अपने मनपसंद शख़्स को Goodbye बोलना और पुनः कभी लौटकर वापस ना जाना!!!✍🏻💯🥰💝💔
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भाषाओं का अनुवाद किया जा सकता है भावनाओं का नहीं ये आत्मिक होती है जो परस्पर प्रेम से जुड़ी होती है!!!💯✍🏻❤️
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इस जाते हुए दिसंबर से मलाल नहीं है
करूंगा कुछ अच्छा पर यह मेरा साल नहीं है
लोगों ने मारा था ताना पर यह ज़वाब नहीं है
मुझको नए साल का अब इंतजा़र नहीं है
आने वाले साल आप खुशियां लेकर आना
यह मत सोचना कि मुझे आपका ख्याल नहीं है
वर्ष 2025 में साथ में ऐ वक्त कुछ अच्छा करेंगे
कोशिशें करते रहेंगे और असफलता से नहीं डरेंगे
बहुत कुछ सिखाया इस साल ने मुझे
अब मेरे जहन में कोई सवाल नहीं है
आप मनाइए ज़श्न नए साल का
मुझे उन लम्हों का इंतजार नहीं है
लोगों की बातों ने सिखाया बहुत कुछ
अब मुझे पता चला उनके विचार सही नहीं है-