मुझे तोहफे में समय पसंद है और, उससे ज्यादा किसी की पुरानी पुस्तक मिली हुई , मुझे नई पुस्तक से कई गुना ज्यादा, पुरानी पुस्तकों की महक, और उससे भी ज्यादा पढ़ने में जिज्ञासा होती है , एक बार मेरे दादा ने मुझे अपनी बीस साल पुरानी पुस्तक को मुझे सौपा, मुझे उस दिन काफी अच्छा लगा , और अब मैं उसे अपनी पैतृक संपत्ति मानती हूं ।।।💕💕
उसने कहा की मैं तुम्हे छोड़ना चाहता हूं , मैं शांत थी उस समय, मेरी अंतरात्मा ने कहा मुझे इसी का इंतज़ार था, असल में मैं अंदर से टूट चुकी थी , और जिन्दगी में कुछ करना चाहती थी, तो मैंने भी उसे आज़ाद कर दिया, मैं खुद को खो दी थी , उसके वजह से , कमबख्त आज भी वो छूटा नही , मेरी यादों से।।🌏💕