एक दिन तुम्हे सब बताना है,तुम्हे एक दिन जी भर के रुलाना है।
हम साथ हो कोई मजबूरी नहीं है,पर तुम्हे दूर जाने की मंजूरी नही है।
मतलब से रिश्ता बनाया नही जाता,रास्तों में छोड़ कर जाया नही जाता।
दिल मे क्या है दिखाकर,लोगो को अपना बनाकर,
हरकदम साथ निभा कर,
तू चला जाए छोड़ के, हमसे मुंह मोड़ के,
हम टूट जाएंगे फिर बिखर जाएंगे,तेरे बिना हम मर जायेंगे।
बयान है मेरा फिर से वही, तू दूर हो या पास सही,
मतलब से रिश्ता बनाया नही जाता, रास्तों में छोड़ कर जाया नही जातातुम्हे पाकर शायद लाज़वाब हो जाऊं,
दूरियों मे तेरा ख्वाब हो जाऊं,
तेरे सितम पर तोहमत नही लगाते,शिकायत करते हैं तुम्हे गैर नही बताते,
हर बार वही बताया नही जाता,रास्तों में छोड़ कर जाया नही जाता।
तुम्हे फिर से आजमा कर देखेंगे,एक बार अपना बना कर देखेंगे,
तब तुम्हे हालत_ए_नब्ज़ का पता लगेगा,
समझोगे तो तुम्हारा दिल भी दुखेगा,
तुम्हे छोड़ जाना याद आयेगा,गैरों के खातिर मुंह मोड़ना याद आयेगा,
तुम रोवोगे तुम्हे पछतावा होगा,
दर्द सच्चे होंगे हसी का दिखावा होगा,
तब तुम समझोगे वो हिज़र की रात,
याद आयेगी शायद पहली मुलाकात,
रो रो कर तुम भी बिखर जाओगे,
इस शायर के दर्द पे मर जाओगे,
आसन नही है दर्द छुपाना,
आसन नही दर्द में मुस्कुराना,
तुम्हे भी एक दिन एहसास होगा,
वो दिन बड़ा ही खास होगा,
अपनो को गैर बताया नही जाता,
रास्तों में छोड़ कर जाया नही जाता।
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