Shivi Khurana   (Khurana Shivi)
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An amateur writer!
Joined 6 November 2018


An amateur writer!
Joined 6 November 2018
30 OCT 2021 AT 21:41

दीवारों से नहीं
हम विचारों से कैद होते हैं।

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21 MAR 2021 AT 18:41

हर एक कवि को, एक प्रेम से युक्त कविता ,
अपने लिए भी लिखनी चाहिए,
और उस कविता की हर पंक्ति में,
कवि का खुद के प्रति प्रेम और सम्मान निखर कर आना चाहिए,
और इस कविता को पढ़ने का हक ,
बस कवि को ही होना चाहिए,
यह कविता,
कवि के दिल के सबसे करीब होनी चाहिए,
ताकि ,जब कभी , हारने लगे कवि का मन, या होने लगे जीवन में तन्हाई,
तो उस कविता को पढ़ कर, कवि को मोहब्बत का खूबसूरत आभास हो जाना चाहिए, हर एक कवि को, अपने लिए,
एक कविता जरूर लिखनी चाहिए

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21 MAR 2021 AT 13:15

बहुत कठिन हैं इस ज़माने में
ज़िंदगी को सरल तरीके से जीना।

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22 SEP 2020 AT 19:10

सुई में धागा या तो एक पल में डल जाता है,
नहीं तो कुछ देर तक आंखें गड़ा के रखनी पड़ती है,

इसी प्रकार, कुछ लोग थोड़े ही समय में अपने बन जाते है,
और कुछ लोगों से रिश्ता जोड़ने में धैरयशीलता रखनी पड़ती है।

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21 SEP 2020 AT 20:47

जब किसी व्यक्ति की सफलता की ओर देखो,
तो महज़ उसके महकते हुए आज को मत देखना,

उस महकते और खिलखिलाते फूल के पीछे,
ना जाने कितने ,टीस और चुभन से भरे कांटों का बसेरा होगा

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2 AUG 2020 AT 12:27

जिस मित्रता में सच्चाई हो, वह अपने आप में ही एक उत्सव है
उस मित्रता के प्रणाम स्वरूप, किसी मित्रता दिवस की आवश्यकता नहीं।

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30 JUL 2020 AT 14:06

कड़ी मेहनत से किए काम की थकावट का अंजाम सुकून है,
बिना कुछ किए आराम फरमाने का अंजाम महज़ तनाव।

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28 JUL 2020 AT 16:11

फूलों का महकना, पक्षियों का चहकना और नदियों का बहना कभी इस डर से प्रभावित नहीं हुआ , कि कल क्या होगा?
मगर इंसान के ज़िंदगी जीने पर सबसे ज्यादा प्रभाव इसी बात का रहा कि आखिर कल क्या होगा? कहीं ऐसा हो गया तो, कहीं वैसा हो गया तो?
क्या ये इस्तेमाल होना चाहिए, सोचने की कला का? क्यूं आज जो है ,उसकी कदर नहीं, क्यूं कल जो होगा उसका डर है?
जैसे आज तुम जीयोगे, वैसा कल तुम्हारा होगा। तुम आज सोचते रहो कल की, और कल सोचते रहना आने वाले कल की। और इसी सोच विचार में कब बहुत देर होगी, शायद पता भी नहीं चलेगा।

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19 JUL 2020 AT 12:42

If your dreams are unconventional according to the norms of your society,
You will have to raise your voice unconventionally, keeping faith in the almighty.

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5 JUN 2020 AT 13:32

ना साहित्य का कोई ज्ञान है मुझे,
ना ही टूटे दिल की कोई कहानी है
बस लिख कर सुकून मिलता है मुझे,
जीवन के अंधेरों में कलम मेरी नूरानी है।

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