Shivi@  
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Joined 1 November 2020


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28 DEC 2022 AT 20:01

Hum kyun khoje use
Jisne na jane kab ka
Hme kho diya....

Toh fir hasil
kya hi krna
Jb usne sb kuch
Or humne
kuch bhi nhi

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4 SEP 2022 AT 10:24

Teri bato ko maine sach maan liya
Tere jhute wado pe bhi dil yeh haar gya
Mana toh humne tujhe apna tha
Par tune mera begano me naam liya
Hum tujhe khone se darte rhe
Tune mujhe toh kb ka kho diya tha....

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13 AUG 2022 AT 16:49

साथ तेरा पाकर
कुछ यू मै महक गयी,,
पास तू हो या न हो पर
मै तुझमे ही रह गयी।
नजदिकीयो से ज्यादा तो
दूरीयो ने मुझको तुझसे मिलाया है।
पर न जाने क्यो ?
मैने हर पल तुझको साथ पाया है।

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4 AUG 2022 AT 7:49

सुनो ना,,,
इन रात के अधेरो मे ही सही।
तुम मुझे वो हर बात बताओ
जो तुमने इस दिल मे छिपा रखी है,,
अच्छी हो या बुरी हो यादे
जो अब तक बस खुद को बता रखी है,,
कब तक खुद को अधेरो मे छिपा रखोगे
कभी तो खुद को रोशनी मे बंया करके देखो।।

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29 JUL 2022 AT 9:43

मजिंल को पाना है,,
अकेले ही चलते जाना है।
रख हिम्मत और हौसला
सपने को अपने सच कर दिखाना है।
प्रतिकूल परिस्थीतीयो से न घबराना है,
सफर को यू ही तय करते जाना है,

ना किसी से उम्मीद न लेना किसी का सहारा है,
अपने दम पर कुछ करके दिखाना है।।

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24 JUL 2022 AT 21:15

हर किसी को नही मिलता...
हक उसके प्यार का
कुछ को करना होता है
उम्र भर इन्तजार यार का,,
कभी कभी दूर होना पडता है
परिवार की खुशी के लिए
या अपनी रजामंदगी से,,
कोई ताउम्र मांगता है
साथ प्यार का तो कोई
झोड देता है पल भर मे
हाथ अपने प्यार का।।

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22 JUL 2022 AT 0:43

रिश्ते कमजोर तब पडते है जब
हम उसे कमजोर पडने देते हैं
किसी को हमारे बीच कुछ कहने का हक देते हैं
एक दुसरे कि बातो से ज्यादा,,
सच्ची जब किसी तीसरे की बाते लगती है
एक दुसरे कि गलतियो को नजरअदांज न करके
गलतफहमियो को जब जगह मिलने लगती है,,
भरोसे कि बात न करके जब
हमेशा शक की बात होने लगती है
तब रिश्तो में दूरी अपने आप होने लगती है।

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18 JUL 2022 AT 16:35

भरोसा जब किसी पर किया
तब तब खुद को तोडा है मैने
किसी को पास आते तो
किसी को दूर जाते देखा है मैने
सारा खेल भरोसे का है,,
भरोसा करने वालो को रोते देखा.है मैने।।।।

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14 JUL 2022 AT 18:53

जिदगी के उस मोड पर हू जहां,,
क्या सही क्या गलत इसकी पहचान कर पाउ
कौन सही कौन गलत इसकी समझ रख पाउ
क्योकि अक्सर रिश्तो मे गुनेहगार रही हू मै
दूर जाने वालो के लिए अक्सर कुसूरवार रही हू मै
बिना गलती भी ,माफी न मागने के हकदार रही हू मै
अपनो मे भी परायो जैसे किए व्यवहार मे रही हू मै।

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10 JUL 2022 AT 14:07

एक उडान भरने चली थी
खुद कि पहचान करने चली थी
ख्वाबो को हकीकत से रूबरू कर
अपने सपनो को साकार करने चली थी
मंजिल तक पहुचने का सफर
इतना भी न आसान था
आखिर हर तरफ मुझको गलत साबित
करने वालो कि कतार जो लगी थी।
पर मैने किया वही जो मुझको लगा सही
क्योकि.....
मुझको तो अपने सपनो कि उडान भरनी थी।

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