रूकना जरूरी तो नही मगर हमसफर से जरूरी और कुछ भी नही बात अगर प्यार और मोहब्बत की हो तो रूकना जरूरी भी है मेरे दोस्त उस मंजिल की कोई अहमियत नही जो बिन हमसफर हो सफर का आन्नंद तभी है जब संग हमसफर हो
ना जाने क्यो अब रूकना नही चाहता हूं.... ना जाने क्यो अब आगे बढना चाहता हूं ना जाने क्यो अब सब को साथ लेकर चलना चाहता हूं.... ना जाने क्यो अब इन झंजावतो से बाहर निकलना चाहता हूं.. ना जाने क्यो एक नई राह पर चलना चाहता हूं... ना जाने क्यो