SHIVENDRA KUMAR MAURYA  
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Joined 11 June 2019


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Joined 11 June 2019
27 DEC 2022 AT 14:07

दुनिया में कोई भी चीज हमेशा संयुक्त नहीं रह सकती,
चाहे वो 'परिवार' हो या 'पदार्थ' ।

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7 SEP 2022 AT 22:25

Without hope you can't work properly.

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11 AUG 2022 AT 9:01

सत्ता की राजनीति
उस 'नाटक' विधा की तरह होती है,
जिसमें सिर्फ पात्र बदलते हैं;
कथानक वही रहता है।

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9 MAY 2022 AT 20:50

एक 'अहिंसक' व्यक्ति को लोग तब तक प्रताड़ित करते हैं जब तक कि वो 'हिंसक' नहीं हो जाता ;

अर्थात् एक सज्जन और नीति पर चलने वाले व्यक्ति को लोग तब तक प्रताड़ित करते हैं जब तक कि वो हिंसा पर उतारू नहीं हो जाता।

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23 FEB 2022 AT 15:11

भतीजे तेरे आने से, मानो सकल जगत् प्रकाश हुआ।
मात-पिता-भ्राता सबके, जीवन में सुखद प्रभात् हुआ।।

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1 JAN 2022 AT 17:44

हर्षित-गर्वित आप सभी का मन रहे
हृदय प्रफुल्लित, सदा नीरोगी तन रहे
उन्नति पथ पर जाएँ हर रोज सभी
सबके जीवन में ऐसा ये नव वर्ष रहे!

जीवन में नित कलरव गान बढ़े,
अभीप्सित इच्छाएँ नित साकार बनें,
पंछी कूजें, तरुवर नित झूमें,
सबके जीवन में खुशियों का संचार बढ़े,
ये नव वर्ष सभी के जीवन में
ऐसा मंगल गान भरे...!

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15 OCT 2021 AT 21:12

इस दशहरा पर हम सभी एक प्रण यह करें
कि दूसरों की कम से कम 'दस बुराई' को
अपने अंदर प्रविष्ट होने से रोकें...!

👉 फिर देखिए 'रामत्व' की स्थापना
खुद ब खुद हो जाएगी।

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30 SEP 2021 AT 13:38

मिली है जो भाषा तुझको बेमोल।
उसी में बजा तू अपने कपोल ॥
मत कर अँगरेजी की वृथा खुशामद।
'हिन्दी' में भी है ऐसी ताकत॥
हिन्दी को दीजै दूना सम्मान।
यही प्रार्थना सुन लीजै श्रीमान्॥
~✍️शिवेन्द्र कुमार मौर्य

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19 JUL 2021 AT 13:06

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19 JUL 2021 AT 9:38

अपना कर्म करें ऐसे
दूसरों को सीख मिले जैसे
कभी पक्षी जैसे,
कभी पेड़ों जैसे
कभी पर्वतों जैसे
कभी समूचे प्रकृति जैसे
अपना कर्म करें ऐसे

अपना कर्म करें ऐसे
पेड़ों से छाँव मिले जैसे
पानी से प्यास बुझे जैसे
बारिश से जैसे हरियाली हो
सबके मन खुशहाली हो

सीख मिले दूसरों को जिससे
अपना कर्म करें ऐसे

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