जो पिंजड़ों में कभी रहे नहीं,
उन्हें परिंदों की तकलीफ भी मालूम नहीं
उड़ने को पंख तो हैं, पर खुला आसमान नहीं !-
यादों के बस्ते से कुछ किस्से ले आते हैं,
चलो आज पुरानी कुछ बातें फिर से हम दोहराते हैं,
याद है, बारिश की बूंदों में छप छप दौड़ लगाते थे,
हवाई जहाज़ के आने पर जोरों से चिल्लाते थे,
स्कूल न जाना पड़े तो जैसे हजारों बहाने बनाते थे,
रूठ रूठ कर मम्मी से सारी बातें मनवाते थे।
तब सपना था कि होकर बड़े, हम आसमान छू जायेंगे !
पर, नहीं खबर थी आज ये पल इतने याद आयेंगे !!!
हम आगे तो बढ़ जायेंगे, पर बचपन पीछे ही छोड़ आयेंगे.
ख्वाहिश है आज भी, वापस लौट जाने की,
बचपन की यादों को फिर से जी जाने की....
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश की मस्ती,
वो रेत का मकान, वो नुक्कड़ की दुकान,
वो शरारत के पल और बिना जिम्मेदारियों का कल।-
Holding the universe sounds crazy!!!
But one can worth it's own star-dust......
-
Holding the universe sounds crazy!!!
But one can worth it's own star-dust......-
It bears the scar but still shines!!
the moon has it's own divine...-
From the dark side, to flawless sky
her dreams are unstoppable with dare to fly,
the purity of her zeal and shine in her eyes
She is the one behind the bars ready to
thrive...-