Shîvanî   (#ᵥᵢₛₕᵢ✍♕)
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Joined 2 August 2018


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13 MAR AT 11:39

लड़कों तुम्हारा नसीब है ! तुम्हारें हिस्से में माएं आई हैं
लड़कियां बाप की जितनी भी लाड़ली हों, घर नहीं बिठा पाता

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4 MAR AT 12:30

तिरस्कार छलनी कर देता है
सम्मान ही नहीं, आत्मसम्मान भी

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5 FEB AT 18:36

समाज को स्वीकार प्रेम का आधार "प्रेम" कभी रहा ही नहीं! समाज स्वीकार करता है वर्ण, वर्ग, जाति, मान, प्रतिष्ठा, वैभव के नाम पर प्रेम......

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10 JAN AT 21:05

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5 JAN AT 20:22

और भी ज्यादा चुभती हैं
वो बातें जो कही नहीं जाती

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4 JAN AT 21:25

फासले मिटते नहीं! दिलों में ग़र, दूरी हो
वजह कुछ भी हो, चाहे कोई मजबूरी हो

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4 JAN AT 19:43

छड़ी की मार से , भागा करते थे
इन तानों के ज़ख्म लेकर कहां जाए

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22 DEC 2023 AT 21:31

दुखाकर दिल ! नींद अच्छी आती है शायद
मैंने कभी उसे रातों में जागते नहीं देखा

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22 DEC 2023 AT 19:16

कभी कभी दिल ही नहीं
हम खुद भी, टूट जाते हैं

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22 DEC 2023 AT 19:00

हालातों से तो लड़ भी लिया जाए
किस्मत का कोई क्या करे लेकिन

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