Shivani Sharma   (shivi♥)
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Joined 25 July 2018


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Joined 25 July 2018
6 JAN 2022 AT 20:35

पता नही वो किस हाल में होगा
पता नही वो किस हाल में होगा,

इन सर्द रातों में मेरी बाहों को तरस रहा होगा।

मन तो बहुत है उसके पास जाने का
मन तो बहुत है उसके पास जाने का

कोई तो बारिश रुकवा दो यार
वो बे-सब्री से मेरी राह देख रहा होगा।

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24 DEC 2021 AT 15:51

उम्मीदें तुमने बहुत लगाई हैं मुझसे,
ये जानकर कि हमे मोहब्बत है तुमसे।

वैसे तो गिनाने का शौख हम नही रखते!
पर कभी कभी मन करता है पूछने का तुमसे-

आखिर किया ही क्या है तुमने मेरे लिए?

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21 DEC 2021 AT 18:31

प्यार क्यूं है, ये भी नहीं पता
प्यार उसी से क्यूं है, ये भी नहीं पता।

पता है तो बस ये, कि इश्क है,
और जो उससे है, वो किसी और से नही है।


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9 NOV 2021 AT 23:08

unki aankhon mei kho jati hun main,
jab wo mujhe dekhte hain,
to sharma si jati hun main
haan! kafi dur aa chuke hain hum sath mei,
magar aj bhi har mulaqat wo pehla sa ishq jagati hai mere dil mei.

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27 SEP 2021 AT 15:53

बैठे बैठे तुम्हारे ख्यालों में खो जाने की आदत सी है मुझे,
कि मेरे सारे काम मुझे झूठे लगने लगते हैं।
तुम्हारी आदत सी हो चुकी है मुझे
कि अब तुम साथ नहीं हो तो लगता है अधूरी हूँ मै।
वापस लौटने की उम्मीद हर कोई करता है,
मगर तुम्हे हमेशा के लिए पाने की चाहत है मुझे।
मेरी ख़ुशी हो तुम, कि तुम्हारे साथ बिताये हर लम्हे में सुकून था मुझे,
तुमसे लिपटे हुए अपनी शाम बिताना, रात के सुकून को तुम्हारे साथ बांटना, तुम्हारे हाथों में अपने हाथों को देखना,
अब बस ये एक सपना सा लगता है मुझे।
रोती हूँ रोज़ मैं इस ख्याल में कि तुम आओगे मेरा साथ देने,
मगर, तुम्हारे वो आखिरी उम्मीद भरे शब्दों ने तालाब के बीच में बिना नाव के छोड़ दिया है मुझे।

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28 AUG 2021 AT 2:06

वो दर्द सारे सह जाऊं मैं, कि तू हंसदे- २

कि मेरी दुनिया खिल उठती है तुझे बेफिक्र देख के।

वो गम सारे पी जाऊं मैं जो सताते हैं तुझे,

कि तेरा हर फन मौला अंदाज देखने की अब तलभ है मुझे।

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10 JUL 2021 AT 23:58

कोशिशें हजारों की उन्हें पाने की -2

मगर जनाब सितारों से घिरे थे,
फिर कहां आदत होगी, उनको महज़ एक चाँद के आने की!

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3 JUN 2021 AT 12:06

अब के इश्क़ जिस्मानी क्यों है?

अगर वो जिस्मानी है, तो वो इश्क ही नहीं है।

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5 MAY 2021 AT 1:25

बेचैनी है तुमसे ना मिल पाने की,
उलझने हजारों हैं, पर कोशिशें सिर्फ तुम्हे पाने की।

एक कयामत की रात तुम मिलोगे मुझे,
बस इसी यकीन पर, अपनी उमर यूं तन्हाई में बिता रही।

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6 APR 2021 AT 14:43

इस तपन में ठंड सा सुकून बन जाए कोई
मुझे इस मौसम में घर के सुकून सा भाए कोई,
ढेरों बातें ना भी हो, हमारे बीच सही
एकांत सा हम दोनो में रिश्ता बन जाए कोई।

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